Thu. Nov 21st, 2024

Category: दोहे

वीरां माऊ वंदना

सिरुवै जैसल़मेर रा रतनू हरपाल़जी समरथदानजी रा आपरी बखत रा स्वाभिमानी अर साहसी पुरस हा। इणां री शादी रतनुवां रा बही-राव, रावजी पूनमदान नरसिंहदानजी बिराई रै मुजब गांम सींथल़ रा…

पछै म्हारो बेटो होवण री ओल़ख क्यूं नीं दी!!

ढांढणियै रा लाल़स रामचंद्रजी उन्नीसवें सईकै रा नामचीन कवि। उणांरी घणी रचनावां चावी। जोगी जरणानाथजी रा छंद बेजोड़- जोगी जग जरणा करुणा करणा, इल़ नहीं मरणा अवतरणा!! इणां री काव्य…

बैश कीमती बोट – कवि मोहनसिंह रतनू (चौपासनी)

आगामी दिनो मे पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं, मतदान किसको करना हे इसके लिए कवि ने एक गाइडलाइन बनाई है। शांत सम्यक भाव से सही निष्पक्ष स्वंतत्र होकर मतदान…

सदा रंग समियांण

गढ सिंवाणा नै समर्पित- इल़ भिड़ करबा ऊजल़ी, चढिया रण चहुंवांण। बिण सातल रो बैठणो, सदा रंग समियांण।।1 खिलजी रो मद खंडियो, सज मँडियो समियांण। कट पड़ियो हुयनै कुटक, चढ…

बीसहथ रा सौरठा – रामनाथ जी कविया

उभी कूंत उलाळ, भूखी तूं भैसा भखण। पग सातवै पताळ, ब्रहमंड माथौ बीसहथ।।१ सौ भैसा हुड़ लाख, हेकण छाक अरोगियां। पेट तणा तोई पाख, वाखां लागा बीसहथ।।२ थरहर अंबर थाय,…

भरिया सो छल़कै नहीं

प्रथम पुण्यतिथि पर सश्रद्ध नमन। राजस्थानी साहित्य, संस्कृति और चारण – राजपूत पारंपरिक संबंधों के मजबूत स्तंभ परम श्रद्धेय राजर्षि उम्मेदसिंह जी ‘ऊम’ धोल़ी ने आज ही के दिन इहलोक…

एतबार रखिए अवस – डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

एतबार रखिए अवस, इस बिन सब अंधार। रिसते रिश्तों के लिए, अटल यही आधार।। एतबार पे ही टिके, घर-परिवार-संसार। एतबार से ही बहे, रिश्तों की रसधार।। प्रीति परस्पर है वहीं,…

भैरवाष्टक – डॉ. शक्तिदान कविया

सोरठाभैरु भुरजालाह, दिगपाला बड दैव तूं।रहजै रखवालाह, नाकोडा वाला निकट।। छंद त्रिभंगीनाकोडा वाला, थान निराला, भाखर माला बिच भाला।कर रुप कराला, गोरा काला, तु मुदराला चिरताला।ध्रुव दीठ धजाला, ओप उजाला,…

सखी! अमीणो सायबो

सखी अमीणो सायबो घर आंगण मांहे घणा, त्रासे पडिया ताव। जुध आंगण सोहे जिके, बालम बास बसाव।। वीर स्त्री कहती है संकट की घडी मे भयभीत होने वाले तो प्रत्येक…