Sat. Aug 2nd, 2025

Category: देशभक्ति

अमर शहीद प्रताप बारहठ रै प्रति- गिरधरदान रतनू दासोड़ी

पुण्यात्मा प्रतापसिंह बारठ को सश्रद्ध नमन मरदां मरणो हक्क है, मगर पच्चीसी मांय। महलां रोवै गोरड़ी, मरद हथायां मांय।। इस सपूत के समग्र पूर्वजों ने मातृभूमि के हितार्थ व स्वाभिमान…

गौरवान्वित सेना, रचना–राजेन्द्रदांन (कवि राजन) झणकली

एक एक सूं ही आगला सैनिक हिन्द सूरवीर। आतंकवादी असुर नों चुन चुन मारे चीर।। बुद्धि अपरबल बहादुरी देश प्रेम मन धरे। हद रुखाळण हिन्द री निश दिन मोत लड़े।।…

उफ ! यह आजादी- आशूदानजी मेहडू

उफ ! यह आजादी… “आतंकवादी “??? यह आजादी, गज़ब आजा़दी, सारा विश्व सुलग रहा । मानव भक्षक बन मानव का , आतंक खेल उल्झ रहा । मंदिर, मस्जिद, गुरद्वारे खाली,…

क्रांति कैसे होती है? – जयेशदान गढवी

(आज इस देश में कइ तरह के स्वार्थी लोग अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए सडकों पर निकल पड़े हैं, और अपनी इस प्रवृत्ति को “क्रांति” नाम दे रहे हैं। ऐसे…