साची बात कहूँ रे दिवला ~ डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’
साची बात कहूँ रे दिवला, थूं म्हारै मन भावै। दिपती जोत देख दिल हरखै, अणहद आणंद आवै। च्यारुंमेर चड़ूड़ च्यानणो, तेज तकड़बंद थारो। जुड़ियाँ नयण पलक नहं झपकै, आकर्षक उणियारो।…
साची बात कहूँ रे दिवला, थूं म्हारै मन भावै। दिपती जोत देख दिल हरखै, अणहद आणंद आवै। च्यारुंमेर चड़ूड़ च्यानणो, तेज तकड़बंद थारो। जुड़ियाँ नयण पलक नहं झपकै, आकर्षक उणियारो।…
दीपर्यो सुख-धाम में, ओ राम रो पैगाम दिवलो। नेह रो दरियाव दिवलो, गेह नै उपहार दे। श्याम-बदना रात रै, झट गात नै सिंणगार दे। तन बाल़ जोबन गाल़ नै, उपकार…
“होली रो हुबाल” नित होली रो भायां नोखो,फबतो फाग सुणावुं हुं । अटड़ पटड़ आ बातां अबखी,लाम्बी पोथी लावुं हुं । सुणज्यो सगला फाग फजीती, पट्टा झाटक मैं आवुं हुं…