दिवला! इसड़ो करे उजास -डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’
दिवला! इसड़ो करे उजास -डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’ दिवला! इसड़ो करे उजास जिणमें सकल निरासा जळ कर, उबरै बधै ऊजळी आस। मन रो मैल कळुष मिट ज्यावै, वध-वध दृढै विमळ…
दिवला! इसड़ो करे उजास -डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’ दिवला! इसड़ो करे उजास जिणमें सकल निरासा जळ कर, उबरै बधै ऊजळी आस। मन रो मैल कळुष मिट ज्यावै, वध-वध दृढै विमळ…
साची बात कहूँ रे दिवला, थूं म्हारै मन भावै। दिपती जोत देख दिल हरखै, अणहद आणंद आवै। च्यारुंमेर चड़ूड़ च्यानणो, तेज तकड़बंद थारो। जुड़ियाँ नयण पलक नहं झपकै, आकर्षक उणियारो।…
कविता- हिन्द हमारा विमल हृदय है रचयिता- डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’ प्रस्तुति- अक्षिता चारण हिंदी -डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’ नाथूसर राष्ट्र-चमन को नित महकाती, सौरभ-थाती चंदन हिंदी। हिंद हमारा विमल…
दौरा दिन बै देस रा, फोरा साव फिरंग।मच मच गौरा मारिया, रंग रे जोरा रंग।।01।। भ्राता-सुतन प्रताप भड़, सदा रैयो जिण संग।सखा केसरीसिंह सो, रंग जोरावर रंग।।02।। मातभोम दुख मेटबा,…
सब सज्जनां मन होय सौराई, दुष्ट दौराई दूरै।भेळप-संप रखै सब भाई, प्रेम भलाई पूरै।(तो) सुकवी गजदान सुणावै रे, चित चारण वो दिन चावै।। 01।। हर घर माँहीं हेत-हथायाँ, कुटिल मितायाँ…
नेतृत्व का चयन प्रबंधन, की प्रामाणिक धूरी है। कैसे कह दें छात्रसंघ, निर्वाचन गैर जरूरी है। कोई भी हो तंत्र तंत्र का, अपना इक अनुशासन है अनुशासन के लिए तंत्र में…
हुई जब हौड़ नापे कौन जग दौड़, सारे काम धाम छोड़ बड़े भ्राता बोले ध्यान दे। मूषक सवार देख धरा को पसार, तो से पड़ेगी ना पार क्यों न खड़ी-हार…
आचार्य हेमचंद्र आपरी व्याकरण पोथी में अपभ्रंश रा मोकळा दूहा दाखलै सरूप दिया है। आं दूहाँ में वीर रस रा व्हाला दाखला पाठक नै बरबस बाँधण री खिमता राखै।आँ दूहाँ…