Sat. Aug 2nd, 2025

Category: डा. गजादान चारण “शक्तिसुत”

एतबार रखिए अवस – डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

एतबार रखिए अवस, इस बिन सब अंधार। रिसते रिश्तों के लिए, अटल यही आधार।। एतबार पे ही टिके, घर-परिवार-संसार। एतबार से ही बहे, रिश्तों की रसधार।। प्रीति परस्पर है वहीं,…

मत करो इस मुल्क से गद्दारियाँ पछताओगे – डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

मत करो इस मुल्क से गद्दारियाँ, पछताओगे देखकर फिर देश की दुश्वारियाँ, पछताओगे वतन से ही बेवफाई फिर वफ़ा है ही कहाँ खो के अपनी कौम की खुद्दारियाँ, पछताओगे इस…

ये षड्यंत्री दौर ~ डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

ये षड्यंत्री दौर न जाने, कितना और गिराएगा। छद्म हितों के खातिर मानव, क्या क्या खेल रचाएगा। ना करुणा ना शर्म हया कुछ, मर्यादा का मान नहीं। संवेदन से शून्य…

क्रांतिवीर केशरीसिंह बारहठ – डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

(केसरीसिंह बारठ के पास विजयसिंह पथिक ने आकर क्रांति के लिए एक वीर युवा देने का आग्रह किया, बारठजी की हवेली में विजयसिंह पथिक तथा केसरीसिंह बारठ के बीच हो…

समय को पहचानो- डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

हे मित्र! समय को पहचानो बस इतना सा कहना मानो आलस से यारी मत करना ज्यादा होंशियारी मत करना। ये क्षण में सबको छलता है पल पल में रूप बदलता…

खाखी बोलै आज खारी- डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

पुलिस के सम्मान में कुछ पंक्तियाँ खाखी की जुबानी खाखी बोलै आज खरी डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’ जस अपजस इण जगत में, है बस हर रै हात। नर नाहक नखरा…