लाख़ा जमर रौ जस (आउवा पाली) – कवि भंवरदान झणकली
लाख़ा जमर रौ जस (आउवा पाली) – कवि भंवरदान झणकली “सौल़ह सौ संवत रै बरस तियाल़िसै बीच़। ला़ख़ा ज़मर ज़ालीय़ा सतीया श्रोणित स़ीन्च” “धीरज तज जौध़ाण पत कौफ कीयौ कमधैश।…
लाख़ा जमर रौ जस (आउवा पाली) – कवि भंवरदान झणकली “सौल़ह सौ संवत रै बरस तियाल़िसै बीच़। ला़ख़ा ज़मर ज़ालीय़ा सतीया श्रोणित स़ीन्च” “धीरज तज जौध़ाण पत कौफ कीयौ कमधैश।…
सिरुवै जैसल़मेर रा रतनू हरपाल़जी समरथदानजी रा आपरी बखत रा स्वाभिमानी अर साहसी पुरस हा। इणां री शादी रतनुवां रा बही-राव, रावजी पूनमदान नरसिंहदानजी बिराई रै मुजब गांम सींथल़ रा…
માતૃપૂજાની શરૂઆત તો સૃષ્ટિના આરંભ સાથે જ થઈ હશે. ભારતમાં તો આદિકાળથી જ માતૃપૂજા થતી આવી છે. ઋગ્વદમાં પણ જગદંબાને સર્વદેવોના અધિષ્ઠાત્રી આધાર સ્વરૂપ, સર્વને ધારણ કરનારા સચ્ચિદાનંદમયી શક્તિ સ્વરૂપે…
एक जमानो हो जद अठै रा नर-नारी मरट सूं जीवण जीवता अर सत रै साथै पत रै मारग बैवता। हालांकै धरती बीज गमावै नीं आज ई ऐड़ा लोग है जद…
धाट धरा (अमरकोट अर आसै-पासै रो इलाको) सोढां अर देथां री दातारगी रै पाण चावी रैयी है। सोढै खींवरै री दातारगी नै जनमानस इतरो सनमान दियो कै पिछमांण में किणी…
उन्नीसवों सइको राजस्थान में उथल़-पुथल़ अर अत्याचारां रो रैयो। उण काल़ खंड में केई राजावां अर ठाकरां आपरै पुरखां री थापित मरजादावां रै खिलाफ काम कियो। जिणनै केई लोगां अंगेजियो…
साचाणी आ बात मनणजोग नीं है कै मरण रो ई कोई महोछब मनावै !! पण जद आपां राजस्थान रै मध्यकालीन इतिहास नै पढां तो आपां रै साम्हीं ऐड़ा अलेखूं दाखला…
गाँव- सुहागी, तहसील- सेड़वा, जिला- बाड़मेर, राजस्थान विक्रमी सवंत 1580 में मेंहडू शाखा के चारण भादाजी मेंहडू को गंगाजी सोढा द्वारा सुहागी गाँव भेंट स्वरूप प्राप्त हुआ। सुहागी का तत्कालीन…
पेर कटारी पोढयौ, दे प्रचणा सर पाँव। रण धपावेह रगत सौ, रंग हो मीसण राव।। भेरदानजी मीसण ओगाला ने भोयात्रे गढ़ पर कटारी पेर ने भूपालसिंह चौहाण का राज्य और…