ईश्वर की गहन गति का वर्णन- कवि खूमदानजी बारहठ
ईश्वर की गहन गति का वर्णन दोहा गहन गति प्रभु की गिणो, वर्णे कोण वखाण। रहे अन्दर बाहर रमें, कैक रचे कमठाण।। छंद जात सारसी के के रचाना कमठाणा, जगत…
ईश्वर की गहन गति का वर्णन दोहा गहन गति प्रभु की गिणो, वर्णे कोण वखाण। रहे अन्दर बाहर रमें, कैक रचे कमठाण।। छंद जात सारसी के के रचाना कमठाणा, जगत…
अथ छाछरो के भोजराज सोढा लालजी और वींझराजजी का मरसिया कवि खूमदान बारहठ कृत टँकन कर्ता – संग्राम सिंह सोढा सचियापुरा दोहा छत्रिकुळ वंका छाछरे, देतल कवियां दात। कर भलप…