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Category: छंद रेणकी

कुळ चारण लुळ नमन करै – कवि गिरधर दान रतनू “दासोडी

हल़्दीघाटी अर स्वतंत्रता आंदोलन रै सौदा सूरां नैं समर्पित एक छंद किन्हीं राजस्थानी कवि ने माओं को संबोधित करते हुए कहा है कि अगर उनके लड़के में बारह वर्ष में…

करणी मां का छंद कृत खेतदानजी मीसण

।।करणी मां का छंद।। ।।दोहा।। आप अजोनी ओपनी, माजी मरूधर मांय। देवी धन देशनोक में, मेहासधु महमाय—–(1) असरण सरणो आपरो, सेवग करणी साय। चौसठ भेळी चोमणी, रमणी जंगल राय—–(2) जग…