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Category: छंद भुजंगी

जोगमाया रो जस – गिरधरदान रतनू “दासोड़ी”

।।दूहा।। दे भगती सुखदायनी, उगती कंठां आय। है सगती हिंगल़ाज तूं, बीसहथी वरदाय।।१ मरण जलम तूं मेटणी, करण सकल़ रा काज। पड़्यां चरण परमेसरी, हरण दोख हिंगल़ाज।।२ सह बातां समराथरी,…

नागदमण – सांयाजी झूला

सांयाजी झूला महान दानी, परोपकारी भक्त कवि थे। वे कुवाव गांव गुजरात के निवासी थे। इन्होंने अपने गांव में गोपीनाथ भादेर, मंठीवाला कोट, किला तथा बावड़ियां बनवाई थी। जीवन के…

श्री दुर्गा-बहत्तरी – महाकवि हिंगऴाजदान कविया

आद्याशक्ति माँ हिंगुऴाज पौराणिक देवी है तथा प्राचीन पुराणों मे इसका वर्णन आता है व तंन्त्रचूड़ामणि, वृहन्नीलतंन्त्र, शिवचरित्र आदि मे भी इसका वर्णन है। इस आदिकालीन तीर्थ के अब पाकिस्तान…

कागबापु रचीत दोहो

कागबापु रचीत दोहो शांतिकरण जगभरण तुं, घडण घणा भवघाट। नमो आध नारायणी, विश्र्वरूप वैराट।। (छंद-भुजंगी) नमो ब्रह्मशक्ति  महाविश्र्वमाया, नमो धारनी कोटि ब्रह्मांड काया; नमो वेद वेदांत मे शेष बरनी, नमो…

देवी चँपा माता रा छँद – रिडमलदान बारहठ भीयाड

देवी चँपा माता रा छँद रचना रिडमलदान बारहठ भीयाड दोहा चँपा दैवी चारणी मेहडू कुल महान वागजि तात वखाँणियै माता धनुवा माँन दैवी प्रगटी डीणसी धाट धरा धनवँत वागा शुभ…