घनश्याम मिले तो बताओ हमें -कवियत्रि भक्तिमति समान बाई
ऐसे घनस्याम सुजान पीया, कछु तो हम चिन्ह बतावें तुम्हें। सखि पूछ रही बन बेलन ते घनश्याम मिलै तो बताओ हमें।।टेर।। मनि मानिक मोर के पंखन में, जुरे नील जराव…
ऐसे घनस्याम सुजान पीया, कछु तो हम चिन्ह बतावें तुम्हें। सखि पूछ रही बन बेलन ते घनश्याम मिलै तो बताओ हमें।।टेर।। मनि मानिक मोर के पंखन में, जुरे नील जराव…
छंद रूप मुकुंद – कवि भंवरदान झणकली घर हूत अणुत कपूतर पूत, भभूत लगाए भटकता है। गुरू धूत कै जूत करतूत सहै, अस्तूत मां भूत अटकता है।। अदभूत धँआङ माँ…
आई नी अकळांमण छंद : सारसी दोढेक लीटर पीये दारु, चिकन मुरगां चावता. मंडाय पाछा मंच माथे गीत सोनल गावता. देवीय कोटी वरण देखो जुवो कई दिश जाय छे. ज्वाळा…
मन मंदिर रा मावड़ी, करणी खोल कपाट। सुंदर रचना कर सकूं, वरणी रूप विराट।। छंद जात लीलावती तो आदि अहुकारण सकल उपासण मान वधारो जोगमया। पंचों तंत सारे त्रिगुण पसारे…
श्री सभाई सुजस दोहा सभाई चड़िया सती जाती वधारण जस। रंग वारण घर रतनू वेरियाँ काटण वंश।। कवियन्द धर कपूरड़ी शाख सौविस निवास कीधी अनीति कमधजां ओ वरणो इतिहास।। छंद…
छंद – दोमळियो दुहो प्रगट मात पृहमी परे,हरणी विपत हजार. चरणा दीजो चारणी,चांपल जुगरी चार. छंद धिन चारण कुळ जळोमळ जोगण,ओप दिरावण आप सही. अवतार अपार धिराण महाबळ,सेवकरी सरकार कही.…
श्री चंपाबाई चारणी रो छंद बाग सुता बागेशरी मेहड़ू कुळ महान। पावन धरा पारकरी जनमी डिणसी जान। पति राणो परमारथी मऊ नगरी मांय। वंश सिंढायच वारसी ऊजळ कीनो आय। प्रातः…
।।करणी मां का छंद।। ।।दोहा।। आप अजोनी ओपनी, माजी मरूधर मांय। देवी धन देशनोक में, मेहासधु महमाय—–(1) असरण सरणो आपरो, सेवग करणी साय। चौसठ भेळी चोमणी, रमणी जंगल राय—–(2) जग…
चारण गुण ओर चारण कवियों का कर्तव्य वर्णन कृत:- कवि श्री खूमदानजी बारहठ दोहे चारण वर्ण चतुर है, वाका ब्रद बुलंद। ह्रदय विमल परहित करण, सज्जन स्वभाव सुखन्द।।(1) सत्य वक्ता…
ईश्वर की रंग बिरंगी विश्व रचना का वर्णन:- कृत- कवि खूमदानजी बारहठ दोहा भरया कोटि ब्रहमण्डों, विध-विध लीला विधान। रंग के के कुदरत रची, सोइया ते सुभान।। छंन्द जात डुमेला…