कविराज दयालदास सिंढायच और उनकी रचनाएं – गिरधरदान रतनू दासोड़ी
कविराज दयालदास सिंढायच और उनकी रचनाएं राजस्थान की साहित्यिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चेतना और विकास में चारण जाति की महनीय भूमिका रही है, इस बात को इतिहास और संस्कृति के…
कविराज दयालदास सिंढायच और उनकी रचनाएं राजस्थान की साहित्यिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चेतना और विकास में चारण जाति की महनीय भूमिका रही है, इस बात को इतिहास और संस्कृति के…
मारवाड़ राज्य के धुंधल गांव के एक सीरवी किसान के खेत में एक बालश्रमिक फसल में सिंचाई कर रहा था पर उस बालक से सिंचाई में प्रयुक्त हो रही रेत…
(पुरा परिचय पढने के लिए कृपया सम्बंधित नाम पर क्लिक करें) चारण साहित्यकार व कवि परिचय 01. चारण कवि गोदड़जी मेहडू 02. कविराजा श्यामलदास दधिवाड़ा 03. महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण 04. कविराज…
टोडरमलजी चांचडा एक समय जब बाबर बहुत शक्तिशाली हो गया तब सभी राजा महाराजाओं ने महाराणा सांगा के साथ मिलकर बाबर से युद्ध करने की योजना बनाई और बयाना में…
બચુભાઇ ગઢવી પ્રાગટયનું પહેલું કિરણ આપમેળે પ્રગટે એમ તેમનામાં પ્રજ્ઞાા પ્રગટી ગઇ હતી. ધરતી ફાડીને અણધાર્યો વાંસનો અંકુર ફૂટે તેમ વિદ્વત્તા વિસ્તરી ગઇ હતી. ઇતિહાસની વાત માંડે ત્યારે આર્યાવર્તનો ઇતિહાસ…
नाम पद्मश्री डा. सीताराम लालस (सीताराम जी माड़साब के नाम से जनप्रिय) माता पिता व जन्म संबधित हाथीरामजी के सुपुत्र के रूप में 29 दिसंबर 1908 (आसोज सुद ग्यारस बुधवार)…
महामहोपाध्याय कविराजा श्यामलदास के पूर्वज मारवाड़ के मेड़ता परगने में दधिवाड़ा ग्राम के रहने वाले देवल गोत्र के चारण थे। इस गांव में रहने के कारण ये दधिवाड़िया कहलाये। इनके…
जन्म संवत 1515 श्रावण शुक्ल बीज को प्रातः काल में माता पिता माता का नाम अमरबाई गाडण व पिता सुराजी रोहड़िया शाखा के चारण थे जन्म स्थान भादरेस, बाडमेर राजस्थान…