Sat. Apr 19th, 2025

Category: चारण शक्ति

कहो वीर चारणो केवा – कवि श्री जोगीदान चडीया

कहो वीर चारणो केवा रचना: जोगीदान चडीया ढाळ: सुना समदर नी पाळे दोहो कलमु किरपांणुं ग्रही, पकड्यो चारण पंथ जोधो अणनम जोगडा, कंकणवाळी नो कंथ गीत कहो वीर चारणो केवा…

सोनल गई सिघार – जोगीदान चडीया

|| सोनल गई सिघार || रचना : जोगीदान चडीया गमियो खुब गमारने, दारु तणों दीदार जे दुख हारे जोगडा, सोनल गई सिधार.१ कर्यो न नाते कोयदी, ऐक वखत ईकरार जगसे…

1857 क्रांतिकारी अजीतसिंह गेलवा

1857 की क्रांति में राजस्थान का अमूल्य योगदान था। वीर तांत्याटोपे को राजस्थान के शेखावाटी में प्रथ्वी सिंह सामोर ने शरण दी थी, उस वक्त बांकीदास आसिया शंकरदान सामोर ने…

चारण शक्ति वेबसाइट तृतीय वर्षगांठ- Www.charanshakti.org

हार्दिक बधाईदिनाक- 30/10/2019 चारण शक्ति वेबसाइट तृतीय वर्षगांठ-Www.charanshakti.org आज ही के दिन चारण समाज की पहली ऐसी राष्ट्रीय चारण शक्ति वेबसाइट (www.charanshakti.org) जिसमे सभी प्रकार की जानकारीया अपडेट होती है,…

चारणकवि गोदड़जी मेहडू परिचय- डॉ. तीर्थकर रतुदानजी रोहड़िया

हमारे यहां केवल दो प्रकार के साहित्य देखने को मिलते हैं। भाषा साहित्य और धर्म साहित्य, लेकिन चारणी साहित्य एकमात्र साहित्य है जो ज्ञातिलक्षी साहित्य है। हिंदी साहित्य के इतिहास…

हेप्पी हैप्पी हुवै दिवाली, हैप्पी हैप्पी हुवै दिवाली- मोहनसिह रतनू,

हेप्पी हैप्पी हुवै दिवाली, हैप्पी हैप्पी हुवै दिवाली, चमचम करती किसमत चमकै, चमकै गगन मुलकता तारा। घर घर हो दिवलै री ज्योति, घर घर मे होवे पो बारा। घर घर…

दिवला! इसड़ो करे उजास -डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

दिवला! इसड़ो करे उजास -डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’ दिवला! इसड़ो करे उजास जिणमें सकल निरासा जळ कर, उबरै बधै ऊजळी आस। मन रो मैल कळुष मिट ज्यावै, वध-वध दृढै विमळ…

चारणों की उत्पत्ति – ठा. कृष्ण सिंह बारहट

चारणों की उत्पत्ति के सन्दर्भ में ठा. कृष्ण सिंह बारहट ने अपने खोज ग्रन्थ “चारण कुल प्रकाश” में विस्तार से प्रामाणिक सामग्री के साथ लिखा है। उसी से उद्धृत कुछ…