भारत री छत्राणी – डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”
अमर शहीद कुँवर प्रताप सिंह बारहठ की वीर माता माणिक्य कँवर के मन के भाव शब्दों में पिरोने का अदना सा प्रयास। थारै मन री बात लाडेसर, म्हारै सूं अणजाणी…
अमर शहीद कुँवर प्रताप सिंह बारहठ की वीर माता माणिक्य कँवर के मन के भाव शब्दों में पिरोने का अदना सा प्रयास। थारै मन री बात लाडेसर, म्हारै सूं अणजाणी…
।।सवैया।। शत्रुन के घर सेन करो समसान के बीच लगाय ले डेरो। मत्त गयंदन छेह करो भल पन्नग के घर में कर गेरो। सिंह हकारि के धीर धरो नृप सम्मुख…
डोकरी – गज़ल नरपत आसिया “वैतालिक”बैठी घर रे बार डोकरी!किणनें रही निहार डोकरी!हेत हथाई अपणायत री,टाबर रे रसधार डोकरी!बाल़कियां री हरपल़ बेली,बण बाघण खुंखार डोकरी!धीणां, डांगर, प्हैला आंगण,राख नीरती न्यार…
चींटियों के चमचमाते पर निकल आए सुनो। महफ़िलों में मेंढ़कों ने गीत फिर गाए सुनो। अहो रूपम् अहो ध्वनि का, दौर परतख देखिए, पंचस्वर को साधने कटु-काग सज आए सुनो।…
मत करो इस मुल्क से गद्दारियाँ, पछताओगे देखकर फिर देश की दुश्वारियाँ, पछताओगे वतन से ही बेवफाई फिर वफ़ा है ही कहाँ खो के अपनी कौम की खुद्दारियाँ, पछताओगे इस…
ये षड्यंत्री दौर न जाने, कितना और गिराएगा। छद्म हितों के खातिर मानव, क्या क्या खेल रचाएगा। ना करुणा ना शर्म हया कुछ, मर्यादा का मान नहीं। संवेदन से शून्य…
मध्यकालीन राजस्थानी काव्य में एक नाम आवै सांईदीन दरवेश रो। सांईदीनजी रै जनम विषय में फतेहसिंह जी मानव लिखै कै- “पालनपुर रियासत रै गांम वारणवाड़ा में लोहार कुल़ में सांईदीनजी…