Fri. Jul 18th, 2025

Category: चारण कवि

मेहडू शाखा का परिचय

*मेहडू शाखा का परिचय*   चारण-साहित्य का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। चारण-कुलोत्पत्र लोकपूज्य देवियों की महिमा तथा सर्वाधिक काव्य-रचना के कारण इस जाति के अनेक पर्यायवाची शब्दों की व्युत्पत्ति…

विप्लव का कवि “मनुज देपावत”

विप्लव का कवि “मनुज देपावत”   राजस्थान का इतिहास साक्षी है कि यहां का जन साधारण भी बड़ा क्रांतिकारी रहा है। जनसाधारण की इस भावना को बल प्रदान किया यहां…

कविराज दुरसाजी आढ़ा

मारवाड़ राज्य के धुंधल गांव के एक सीरवी किसान के खेत में एक बालश्रमिक फसल में सिंचाई कर रहा था पर उस बालक से सिंचाई में प्रयुक्त हो रही रेत…

चारण साहित्यकार व कवि परिचय

(पुरा परिचय पढने के लिए कृपया सम्बंधित नाम पर क्लिक करें) चारण साहित्यकार व कवि परिचय 01. चारण कवि गोदड़जी मेहडू 02. कविराजा श्यामलदास दधिवाड़ा 03. महाकवि सूर्यमल्ल मिश्रण 04. कविराज…

टोडरमलजी चांचडा

टोडरमलजी चांचडा एक समय जब बाबर बहुत शक्तिशाली हो गया तब सभी राजा महाराजाओं ने महाराणा सांगा के साथ मिलकर बाबर से युद्ध करने की योजना बनाई और बयाना में…

कवी उम्मेदराम जी पालावत

कवी उम्मेदरामजी पालावत एक बार अलवर के राव बख्तावरसिंहजी अपने साथ प्रवीण शिकारी लेकर जंगल में शिकार करने गए ! वहा उन्होंने एक सूअर को गोली मारी, मगर वह घायल…

खिमजी दधिवाडिया (देवल)

खिमजी दधिवाडिया (देवल) मेवाड़ के ठिकानो में सारंगदेवोतो का ठिकाना बाठेडा ! यहाँ का जागीरदार राव भोपतराम ,बहुत ही समझदार और गुणग्राही ! उसकी समझदारी की चर्चा आसपास के पुरे…

पद्मश्री डा. सीताराम जी लालस

नाम पद्मश्री डा. सीताराम लालस (सीताराम जी माड़साब के नाम से जनप्रिय) माता पिता व जन्म संबधित  हाथीरामजी के सुपुत्र के रूप में 29 दिसंबर 1908 (आसोज सुद ग्यारस बुधवार)…

पद्मश्री विजयदान देथा बोरुंदा

विजयदान देथा विजयदान देथा का जीवन परिचय बाताँ री फुलवारी जैसी जीवंत रचना लिखने वाले राजस्थान के सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी और पद्म श्री विजयदान देथा जी को बिज्जी उपनाम से भी…

कविराजा श्यामलदासजी

महामहोपाध्याय कविराजा श्यामलदास के पूर्वज मारवाड़ के मेड़ता परगने में दधिवाड़ा ग्राम के रहने वाले देवल गोत्र के चारण थे। इस गांव में रहने के कारण ये दधिवाड़िया कहलाये। इनके…