कविराज जूझारदान दैथा ‘मीठड़िया’
https://youtu.be/wNeFCZKNu5E नाम कविराज जूझारदान दैथा ‘मीठड़िया’ माता पिता नाम कविराज का जन्म प्रेमदान देथा के घर हुआ व इनकी माता का नाम लाछाबाई था. जन्म व जन्म स्थान जन्म सिंध प्रांत…
https://youtu.be/wNeFCZKNu5E नाम कविराज जूझारदान दैथा ‘मीठड़िया’ माता पिता नाम कविराज का जन्म प्रेमदान देथा के घर हुआ व इनकी माता का नाम लाछाबाई था. जन्म व जन्म स्थान जन्म सिंध प्रांत…
सरस्वती की उपासना – चारण, जो उपासना को अपने जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य मानते हैं, भारतीय संस्कृति की पहचान और समाज में नैतिकता, त्याग, बलिदान, वीरता और…
जनकवि ऊमरदानजी लाळस का नाम राजस्थानी साहित्याकाश में एक ज्योतिर्मय नक्षत्र की भांति देदीप्यमान है। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की पृथक पहचान है। पाखण्ड-खंडन, नशा निवारण, राष्ट्र-गौरव एवं जन-जागरण का…
लांगीदासजी मेहडू સરસ્વતીની ઉપાસના – આરાધનાને જ પોતાના જીવનનું પ્રથમ અને પરમ કર્તવ્ય માનનાર ચારણોએ ભારતીય સંસ્કૃતિની અસ્મિતાના જતનાર્થે તથા સમાજમાં નીતિમત્તા, ત્યાગ, બલિદાન, શોર્ય અને ભક્તિ ઈત્યાદિ ગુણોમાં વૃદ્ધિ…
भारतीय इतिहास विषयक ग्रंथों का अवलोकन करने से एक बात सुस्पष्ट होती है कि हम भारत का प्रमाणभूत एवं क्रमबद्ध इतिहास प्रस्तुत करने में सफल नहीं रहे हैं। हमारे यहाँ…
हमारे यहां केवल दो प्रकार के साहित्य देखने को मिलते हैं। भाषा साहित्य और धर्म साहित्य, लेकिन चारणी साहित्य एकमात्र साहित्य है जो ज्ञातिलक्षी साहित्य है। हिंदी साहित्य के इतिहास…
कविराज दयालदास सिंढायच और उनकी रचनाएं राजस्थान की साहित्यिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चेतना और विकास में चारण जाति की महनीय भूमिका रही है, इस बात को इतिहास और संस्कृति के…
वर्तमान में चारण समाज के कवि रत्न-Click hare
मुंशी प्रेमचंद सम्मान लेने वाले “भारत के सबसे युवा कलमकार” रणदेव” को मिलेगा “विविधता में एकता राष्ट्रीय सम्मान” रणजीत सिंह चारण “रणदेव” पिता शंकर सिंह जी चारण निवासरत ठी.-मुण्डकोसियाँ, जिला…
कवि दाद का परिचय कवि का पूरा नाम दादुदान प्रतापदान मीसण (चारण-गढ़वी) कवि का जन्म वेरावल तालुका के ईश्वरीया गाँव में 1940 में हुआ था। कवि दाद का परिचय कवि…