पछै म्हारो बेटो होवण री ओल़ख क्यूं नीं दी!!
ढांढणियै रा लाल़स रामचंद्रजी उन्नीसवें सईकै रा नामचीन कवि। उणांरी घणी रचनावां चावी। जोगी जरणानाथजी रा छंद बेजोड़- जोगी जग जरणा करुणा करणा, इल़ नहीं मरणा अवतरणा!! इणां री काव्य…
ढांढणियै रा लाल़स रामचंद्रजी उन्नीसवें सईकै रा नामचीन कवि। उणांरी घणी रचनावां चावी। जोगी जरणानाथजी रा छंद बेजोड़- जोगी जग जरणा करुणा करणा, इल़ नहीं मरणा अवतरणा!! इणां री काव्य…
मीठी मसकरी मीठी मसकरी(53)राज चढो तो राखज्यो!बात उण दिनां री है जिण दिनां आपांरै अठै राज राजावां रो हो। राजावां रै हेठै ठाकर हा। एक’र चौमासै री वेल़ा ही। खेतां…
गाँव धणारी के राठौड़ मूऴजी करमसोत, जोधपुर महाराजा जसवन्तसिंह द्वितीय के समय नागौर के हाकिम थे, वे बहुत उदारमना एंव काव्य-प्रेमी तथा चारणों का अति-विशिष्ठ सम्मान करने वाले व्यक्ति थे।…
!! कहां वे लोग कहां वे बातें !! सन 1980 के मार्च अप्रैल की बात है जब मेरे पिताश्री श्री बलदेवसिंहजी कविया की पुलिस थाना लक्ष्मणगढ जिला सीकर में हैड…
इतिहास में केई काऴ भुरजाऴ जंगी जोधारां रा संगी साथी ऐहड़ा कण पाण वाऴा अर आत्म बलिदानी होवता हा कि उणानै आपरै स्वामी री भक्ति आगै आपरो जीवण तोछो लखावतो…
धाट धरा (अमरकोट अर आसै-पासै रो इलाको) सोढां अर देथां री दातारगी रै पाण चावी रैयी है। सोढै खींवरै री दातारगी नै जनमानस इतरो सनमान दियो कै पिछमांण में किणी…