रांगड़ रँग रै तो रघुवीर!!
गीत वेलियो किण सू हुई नह हुवै ना किणसूं, हिवविध राम तिहारी होड! कीधा काम अनोखा कितरा, छिति पर गरब उरां सूं छोड!!1 बाल़पणै दाणव दल़ वन में, रखिया कुशल़…
गीत वेलियो किण सू हुई नह हुवै ना किणसूं, हिवविध राम तिहारी होड! कीधा काम अनोखा कितरा, छिति पर गरब उरां सूं छोड!!1 बाल़पणै दाणव दल़ वन में, रखिया कुशल़…
साचाणी आ बात मनणजोग नीं है कै मरण रो ई कोई महोछब मनावै !! पण जद आपां राजस्थान रै मध्यकालीन इतिहास नै पढां तो आपां रै साम्हीं ऐड़ा अलेखूं दाखला…