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Category: कुँवर प्रतापसिंह बारहठ

कुंवर श्री प्रताप सिंह बारहठ

  पूरा नाम कुंवर प्रतापसिंह बारहठ माता पिता का नाम पिता क्रांतिकारी बारहठ केशरीसिंहजी व माता श्रीमती माणिक्य कंवर जन्म व जन्म भूमि वि.सं.1950 ज्येष्ठ शुक्ला नवमी तदनुसार दि. 24…

भारत री छत्राणी – डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

अमर शहीद कुँवर प्रताप सिंह बारहठ की वीर माता माणिक्य कँवर के मन के भाव शब्दों में पिरोने का अदना सा प्रयास। थारै मन री बात लाडेसर, म्हारै सूं अणजाणी…

अरी दळ अंग्रेज रा जुलमां करता जाय – कवि राजन झणकली

कुँवर प्रताप सिंह बारहठ- अरी दळ अंग्रेज रा जुलमां करता जाय (कवि राजन झणकली) अरी दळ अंग्रेज रा जुलमां करता जाय। प्रजा रक्षक प्रताप सिंह अड़तो नित नित आय।।,,,,,,1 वीर…

ना रात वो संगीन थी, ना रात वो रंगीन थी- जितेन्द्र चारण

ना रात वो  संगीन थी, ना रात वो रंगीन थी। हुआ शहीद प्रताप था, ना रात वो गमगीन थी ॥ शुक्ल पक्ष की रातें थी, वहां वीर तुम्हारी बातें थी।…

रोवै तो रोवै भला तोडूं कोनी रीत, जननी सूं ज्यादा मनैं जन्म भौम सूं प्रीत – प्रह्लादसिंह कविया प्रांजल

अमर शहीद प्रताप सिंह बारहठ पर रचित एक कविता…. अमर वाक्य- रोवै तो रोवै भला तोडूं कोनी  रीत, जननी सूं ज्यादा मनैं जन्म भौम सूं प्रीत चल रहा था जख्म और…

अमर सहीद कुंवर प्रतापसिंह बारहठ- प्रहलादसिंह “झोरड़ा”

“अमर सहीद कुंवर प्रतापसिंह बारहठ” कै सोनलियै आखरां वीर रो, मांडू विरद कहाणी में बो हँसतौ हँसतौ प्राण दिया, आजादी री अगवाणी में आभे में तारा ऊग रिया, रातङली पांव…

शहीद कुंवर प्रतापसिंहजी माथै गीत चित इलोल़ – कवि वीरेन्द्र लखावत

।।दूहा।। अखियातां राखण अमर, शाहपुरौ सिरमोर। सुत केहरी परताप सो, हुऔ न हरगिज और।। गावै जस गरवौ जगत, जाण मणी मां जाण। दूध उजाल़्यौ दीकरौ, इधकौ ईश्वर आण।। जीयौ तौ…

अमर शहीद प्रताप बारहठ रै प्रति- गिरधरदान रतनू दासोड़ी

पुण्यात्मा प्रतापसिंह बारठ को सश्रद्ध नमन मरदां मरणो हक्क है, मगर पच्चीसी मांय। महलां रोवै गोरड़ी, मरद हथायां मांय।। इस सपूत के समग्र पूर्वजों ने मातृभूमि के हितार्थ व स्वाभिमान…

कुळ चारण लुळ नमन करै – कवि गिरधर दान रतनू “दासोडी

हल़्दीघाटी अर स्वतंत्रता आंदोलन रै सौदा सूरां नैं समर्पित एक छंद किन्हीं राजस्थानी कवि ने माओं को संबोधित करते हुए कहा है कि अगर उनके लड़के में बारह वर्ष में…

प्रताप की बलिदान कहानी – मनुज देपावत (देशनोक)

दीप शिखा के परवाने की यह बलिदान कहानी है ! यह बात सभी ने जानी है ! अत्याचारी अन्यायी ने अन्याय किया भारत भू पर। डोली थी डगमग वसुंधरा, वह…