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Category: कवि वीरेन्द्र लखावत

सोढा संग्राम सा रो जस शतक – वीरेंद्र लखावत कृत 

सोढा संग्राम सा रो जस शतक वीरेंद्र लखावत कृत  सदगुण रो साखी सबल,राखी रीत तमाम। वद वद भाखी विद्वता,सोढा तूं संग्राम।।1।। संग्रामो सचियाय नै,ध्याय धुकावै धूण। पाय रह्यो परमार्थ इम,दाय…

शहीद कुंवर प्रतापसिंहजी माथै गीत चित इलोल़ – कवि वीरेन्द्र लखावत

।।दूहा।। अखियातां राखण अमर, शाहपुरौ सिरमोर। सुत केहरी परताप सो, हुऔ न हरगिज और।। गावै जस गरवौ जगत, जाण मणी मां जाण। दूध उजाल़्यौ दीकरौ, इधकौ ईश्वर आण।। जीयौ तौ…