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Category: कवि मनुज देपावत (देशनोक)

हे गाँव, तुझे मैं छोड़ चला, लाचार भरे इस भादों में- कवि मनुज देपावत

हे गाँव, तुझे मैं छोड़ चला, लाचार भरे इस भादों में। था एक दिवस जब तेरे इस आँगन में फूली अमराई ! था एक दिवस जब मेरे भी मन में…

मैं विप्लव का कवि हूँ ! मेरे गीत चिरंतन।- कवि स्व. मनुज देपावत

मैं विप्लव का कवि हूँ ! मेरे गीत चिरंतन। मेरी छंदबद्ध वाणी में नहीं किसी कृष्णाभिसारिका के आकुल अंतर की धड़कन; अरे, किसी जनपद कल्याणी के नूपुर के रुनझुन स्वर…

कल़ायण — कवि स्व. मनुज देपावत

धरती रौ कण-कण ह्वे सजीव, मुरधर में जीवण लहरायौ। वा आज कल़ायण घिर आयी, बादळ अम्बर मं गहरायो।। वा स्याम वरण उतराद दिसा, “भूरोड़े-भुरजां” री छाया ! लख मोर मोद…

कवि मनुज देपावत का आह्वान- डाॅ गजादान चारण “शक्तिसुत”

जिसने जन-जन की पीड़ा को, निज की पीड़ा कर पहचाना। सदियों के बहते घावों पर, मरहम करने का प्रण ठाना। महलों से बढ़कर झौंपड़ियां, जिसकी चाहत का हार बनी। संग्राम…

आज कवि मनुज देपावत की पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवम् कोटिशः नमन, वन्दन।,

इसी दिन 18 मई 1952 में आपका देवलोक गमन हुआ था। काव्य सृजन प्रतिभा के कारण आपका नाम इस क्षेत्र में सम्मान के साथ लिया जाता है।   कवि का…

रक्तिम स्याही से लिखने वाले – कवि मनुज की क्रांति-चेतना

जिसने जन-जन की पीड़ा को, निज की पीड़ा कर पहचाना।सदियों के बहते घावों पर, मरहम करने का प्रण ठाना। महलों से बढ़कर झौंपड़ियां, जिसकी चाहत का हार बनी।संग्राम किया नित…

विप्लव का कवि “मनुज देपावत”

विप्लव का कवि “मनुज देपावत”   राजस्थान का इतिहास साक्षी है कि यहां का जन साधारण भी बड़ा क्रांतिकारी रहा है। जनसाधारण की इस भावना को बल प्रदान किया यहां…