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Category: कवि खेतदान दोलाजी मीसण देदळाई

प्रेमावती छन्द – कवि खेतदान दोलाजी मीसण

कवि खेतदानजी मीसण ने एक प्रेमावती छन्द में कहा है कि………   कूड़ा धुड़ा सबे कबीला, ठग बाजि ठेराया है।गरज मटी तो मटेया गोठी, गरजे गीत गवाया हे।। पूरा हेतु…

धना गाम के गांगजी मालदे सोढा रा सोरठा – खेतदान मीसण

धना गाम के गांगजी मालदे सोढा रा सोरठा खेतदान दोलाजी मीसण देदलाई कृत कुळ हुकळ कचारियां, रजवट भूपत राण। सोभे गंग सुजाण, मणधर सोढो मालदे।।1।।   थाट कचेरी थाय, पाराकर…

इन्द्रबाई माताजी (खुड़द) का छंद – खेतदानजी मीसण

इन्द्रबाई माताजी(खुड़द) का छंद (75 साल पूर्व रचित) ।।दोहा।। आद भवानी इश्वरी, जग जाहेर जगदंब। समर्यां आवो सायजे, वड हथ करो विलंब।। चंडी तारण चारणों, भोम उतारण भार। देवी सागरदांन…

करणी माता रो आवाहण गीत कृत खेतदानजी मीसण

।।करणी माता रो आवाहण गीत।। ।।गीत – साणोर।। सुनने के लिए यहा क्लिक करें  अर्ज करां सांभळे आव शक्ति अंबे, गरज मुज पड़ी छे एथ गाढी । अठे मा आवजे…

करणी मां का छंद कृत खेतदानजी मीसण

।।करणी मां का छंद।। ।।दोहा।। आप अजोनी ओपनी, माजी मरूधर मांय। देवी धन देशनोक में, मेहासधु महमाय—–(1) असरण सरणो आपरो, सेवग करणी साय। चौसठ भेळी चोमणी, रमणी जंगल राय—–(2) जग…

शनिदेव की स्तुति – खेतदान मीसण

कहते है जब किसी का समय खराब चल रहा हो या किस्मत साथ न दे रही हो तो लोग कहते है कि ग्रह अच्छे नही है,या शनि देव का प्रकोप…