चारण गुण ओर चारण कवियो का कर्तव्य वर्णन - कवि खूमदान बारहठ
चारण गुण ओर चारण कवियों का कर्तव्य वर्णन कृत:- कवि श्री खूमदानजी बारहठ दोहे चारण वर्ण चतुर है, वाका ब्रद बुलंद। ह्रदय विमल परहित करण, सज्जन स्वभाव सुखन्द।।(1) सत्य वक्ता…
चारण गुण ओर चारण कवियों का कर्तव्य वर्णन कृत:- कवि श्री खूमदानजी बारहठ दोहे चारण वर्ण चतुर है, वाका ब्रद बुलंद। ह्रदय विमल परहित करण, सज्जन स्वभाव सुखन्द।।(1) सत्य वक्ता…
ईश्वर की रंग बिरंगी विश्व रचना का वर्णन:- कृत- कवि खूमदानजी बारहठ दोहा भरया कोटि ब्रहमण्डों, विध-विध लीला विधान। रंग के के कुदरत रची, सोइया ते सुभान।। छंन्द जात डुमेला…
ईश्वर की गहन गति का वर्णन दोहा गहन गति प्रभु की गिणो, वर्णे कोण वखाण। रहे अन्दर बाहर रमें, कैक रचे कमठाण।। छंद जात सारसी के के रचाना कमठाणा, जगत…
अथ छाछरो के भोजराज सोढा लालजी और वींझराजजी का मरसिया कवि खूमदान बारहठ कृत टँकन कर्ता – संग्राम सिंह सोढा सचियापुरा दोहा छत्रिकुळ वंका छाछरे, देतल कवियां दात। कर भलप…
कवि खूमदान बारहठ अभिनन्नदन पत्र धाट पारकार समाज द्वारा चंपानगर Previous Next नाम खूमदान बारहठ माता पिता का नाम पिता लांगीदानजी बारहठ जन्म व जन्म स्थान पाकिस्तान के चारणवास ग्राम…