गीत जांगड़ो देसाणराय रो
।।गीत – जांगड़ो।। जंगल़ थप थांन विराजै जांमण देवी आप देसांणै। द्रढकर राज बैठायो दाता, बीको पाट बीकांणै।।1 अरजन विजै जांगलू आख्यो, चारण जोड चरावै। धारै नाय रोफ धणियां रो,…
।।गीत – जांगड़ो।। जंगल़ थप थांन विराजै जांमण देवी आप देसांणै। द्रढकर राज बैठायो दाता, बीको पाट बीकांणै।।1 अरजन विजै जांगलू आख्यो, चारण जोड चरावै। धारै नाय रोफ धणियां रो,…
हे मित्र! समय को पहचानो बस इतना सा कहना मानो आलस से यारी मत करना ज्यादा होंशियारी मत करना। ये क्षण में सबको छलता है पल पल में रूप बदलता…
|| सोनल गई सिघार || रचना : जोगीदान चडीया गमियो खुब गमारने, दारु तणों दीदार जे दुख हारे जोगडा, सोनल गई सिधार.१ कर्यो न नाते कोयदी, ऐक वखत ईकरार जगसे…
आई नी अकळांमण छंद : सारसी दोढेक लीटर पीये दारु, चिकन मुरगां चावता. मंडाय पाछा मंच माथे गीत सोनल गावता. देवीय कोटी वरण देखो जुवो कई दिश जाय छे. ज्वाळा…
पुलिस के सम्मान में कुछ पंक्तियाँ खाखी की जुबानी खाखी बोलै आज खरी डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’ जस अपजस इण जगत में, है बस हर रै हात। नर नाहक नखरा…
बिरवडी जी रा छंद ॥दोहा॥ तुं दीधा नूं देव, नरही लीधा नूं नही। गरवी मां गंगैव, बिरद तुहाळौ बिरवडी॥ 1 ॥ निवत कटक नव लाख, जिण नवघण जिमाडियो। सुरज शशिहर…
हरख आँगणैं आय दीयाळीसुख सगळै कर ज्याय दीयाळी कूङ कपट रो काळोपण स्सोतम जाळा हर ज्याय दीयाळी नेण निरोगा मन सो’राईजन मन रै कर ज्याय दीयाळी खोटोङां नैं सदबुधी दैसाचोङां…
हेप्पी हैप्पी हुवै दिवाली, हैप्पी हैप्पी हुवै दिवाली, चमचम करती किसमत चमकै, चमकै गगन मुलकता तारा। घर घर हो दिवलै री ज्योति, घर घर मे होवे पो बारा। घर घर…
दिवला! इसड़ो करे उजास -डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’ दिवला! इसड़ो करे उजास जिणमें सकल निरासा जळ कर, उबरै बधै ऊजळी आस। मन रो मैल कळुष मिट ज्यावै, वध-वध दृढै विमळ…
कवि मधुकर छंद रोमकंद निजर सिंढायच चन्दू सती, वर्ण हन्दू रख वात। शरणो दे ऊदल सदू, अवन बंदु अखियात।1 अखियात सुगात प्रभात उचारत, मात चन्दू वर्ण जात मही। तव आणद…