मोटी मरजादण मरुभाषा – डॉ गजादान चारण ‘शक्तिसुत’
सतियां रै सत री गाथावां पतियां रै पत री घण बातां। जतियां रै जंगी जूझारू जीवण री जूनी अखियातां।। संतां री वाणी सीख भरी सूरां रा समर अनै साका। वीरां…
वहशी गर जिंदा होते, हम सब शर्मिंदा होते – डॉ.गजादान चारण ‘शक्तिसुत’
कानून टूटने का, हमको भी ग़म रहेगा पर जितना रहना था, उससे कुछ कम रहेगा। जाँबाज न जागे होते वहशी सब भागे होते कानून भले बच जाता, हम सभी अभागे…
ये षड्यंत्री दौर ~ डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”
ये षड्यंत्री दौर न जाने, कितना और गिराएगा। छद्म हितों के खातिर मानव, क्या क्या खेल रचाएगा। ना करुणा ना शर्म हया कुछ, मर्यादा का मान नहीं। संवेदन से शून्य…
कवि काग वंदना- रचना – कवि श्री जोगीदान चडीया
कवि काग वंदना रचना: जोगीदान चडीया कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने, धऩ्य मां धाना ने धन्य भाया बड भाग्य रे… कुळ वंत कोडीला…. कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला…
चारण – कन्या / झवेरचन्द मेघाणी
ચારણ-કન્યા//ઝવેરચંદ મેઘાણી સાવજ ગરજે !વનરાવનનો રાજા ગરજે ગીરકાંઠાનો કેસરી ગરજેઐરાવતકુળનો અરિ ગરજેકડ્યપાતળિયો જોધ્ધો ગરજેમોં ફાડી માતેલો ગરજેજાણે કો જોગંદર ગરજેનાનો એવો સમદર ગરજે !ક્યાં ક્યાં ગરજે?બાવળના જાળામાં ગરજેડુંગરના ગાળામાં ગરજેકણબીના…
कीरत कज कुरबान किया – गिरधरदान रतनू दासोड़ी
आदू कुल़ रीत रही आ अनुपम, भू जिणरी भल साख भरै। महि मेवाड़ मरट रा मंडण, सौदा भूषण जात सिरै।।1 दिल सूं हार द्वारका दिसिया, वाट हमीरै राण वरी। माता…
बाळपण – रचना: जोगीदान चडीया
बाळपण – रचना: जोगीदान चडीया मुल्युं ना कोयथी मुलाय बाळपण केवुं अलबेलडु… भुल्युं ना जरीये भुलाय बाळपण केवुं अलबेलडु…टेक भोळुडुं बाळ रुप लागे भगवान नुं वळी नई कळजुग नो वान…