Fri. Nov 22nd, 2024

Category: कवित

करणी माता रो आवाहण गीत कृत खेतदानजी मीसण

।।करणी माता रो आवाहण गीत।। ।।गीत – साणोर।। सुनने के लिए यहा क्लिक करें  अर्ज करां सांभळे आव शक्ति अंबे, गरज मुज पड़ी छे एथ गाढी । अठे मा आवजे…

करणी मां का छंद कृत खेतदानजी मीसण

।।करणी मां का छंद।। ।।दोहा।। आप अजोनी ओपनी, माजी मरूधर मांय। देवी धन देशनोक में, मेहासधु महमाय—–(1) असरण सरणो आपरो, सेवग करणी साय। चौसठ भेळी चोमणी, रमणी जंगल राय—–(2) जग…

शनिदेव की स्तुति – खेतदान मीसण

कहते है जब किसी का समय खराब चल रहा हो या किस्मत साथ न दे रही हो तो लोग कहते है कि ग्रह अच्छे नही है,या शनि देव का प्रकोप…

धवल उजवल मरुधरा – कवि मोहनसिंह रतनू

जिण भोम उपजे भीम सा भट, थपट भूमंड थरथडै। धड शीश पडियो लडे कमधज, झुण्ड रिपुदल कर झडे।। जुध काज मंगल गिणत जोधा, वीरवर विसवासरा। प्रचंड भारत दैश प्रबल, धवल…

चारण गुण ओर चारण कवियो का कर्तव्य वर्णन ​- कवि खूमदान बारहठ

चारण गुण ओर चारण कवियों का कर्तव्य वर्णन​ कृत:- कवि श्री खूमदानजी बारहठ दोहे​ चारण वर्ण चतुर है, वाका ब्रद बुलंद। ह्रदय विमल परहित करण, सज्जन स्वभाव सुखन्द।।(1) सत्य वक्ता…

ईश्वर की रंग बिरंगी विश्व रचना का वर्णन- कवि खूमदानजी बारहठ

ईश्वर की रंग बिरंगी विश्व रचना का वर्णन:- कृत- कवि खूमदानजी बारहठ दोहा भरया कोटि ब्रहमण्डों, विध-विध लीला विधान। रंग के के कुदरत रची, सोइया ते सुभान।। छंन्द जात डुमेला…

ईश्वर की गहन गति का वर्णन- कवि खूमदानजी बारहठ

ईश्वर की गहन गति का वर्णन दोहा गहन गति प्रभु की गिणो, वर्णे कोण वखाण। रहे अन्दर बाहर रमें, कैक रचे कमठाण।। छंद जात सारसी के के रचाना कमठाणा, जगत…

મૌજ કરે, મન મૌજ કરે… ~ જયેશદાન ગઢવી

છુટયું તેની ફિકર નહીં, જે વિત્યું તેનો જિકર નહીં. જે થાવું હોય તે થાય ભલેને, થાનાર માટે કો ડર નહીં. પળ ન થંભે પળ ના માટે, પળ થી પળ ચોધાર…

क्रांतिकारी केशरीसिंह बारहठ्ठ – जयेशदान गढवी

अमर शहीद ठा.केसरीसिंह बारहठ की जयन्ती (21नवम्बर), पर कोटिश कोटिश नमन ।।क्रांतिकारी केशरीसिंह बारहठ्ठ।। चिरकाल रही बंधन में, अवहेलना को सहती सहती। अपनों के भिन्न भिन्न सुरों से, दाह उर…

धिन चंदू राखी धरा- गिरधर दान रतनू “दासोडी”

भगवती चंदू रो जनम माड़वा (पोकरण) रै संढायच उदैजी दलावत रै घर मा अणंदू मिकस री कूख सूं उनीसवै शताब्दी रै पूर्वाद मे हुयो। अणंदूबाई ई गुडी रै पोकरणां रै…