Fri. Nov 22nd, 2024

Category: कवित

सगे ने सौगात – आशूदान मेहडू

👍-सगे ने सौगात👌     “विकराल वींदणी” इक भोलिये भावना जगी जबर मन मैं, वींदणी लावण री वात करतो । काम काँधे चढयो करे नित किलोला,बिलोला साथियां राड़ रड़तो । घेलियो…

महादेव को मेरा संदेश – आशूदान मेहडू

“महादेव  को  मेरा  संदेश” हम चारण पूत मैया के भोले, तू मैया का घर वाला। हमरा तुम संग नाता जुना, हम बालक तेरे बाला।। तू भांग धतूरा गांजा पीवे, निश…

निति विधान

“निति विधान” सत्य बात अति सुहावनी, धरहु हृदय धर ध्यान । मोटप,मद,मूढमति, तजि आडम्बर अज्ञान । जग स्वार्थ,अर्थ शुन्य, ना भेरु भीर रख भान । काम बिगारत कैक कुटिल, बावनिंया…

जीऐं बेटीयाँ – आशूदान मेहडू

“जीऐं बेटीयाँ” किसी शायर ने पूछ लिया, सागर से एक दिन। तूं है बड़ा विशाल, तेरा दामन भी है गुलशन।। क्या है वजूद तेरा, तेरा परिवार क्या क्या ? मुस्कुराते…

शहर बडो जयपुर सुखद – श्री मोहनसिंह रतनू

शहर बडो जयपुर सुखद, भली सुचंगी भोम। जंतर मंतर जोयबा, ऊरे पधारो ओम।। १ नींव धरी जय नृपने, कुल कुरम बड कोम। जस छायो सह जगत मे, आयर देखो ओम।।…

લખપત ખુશ ~ જયેશદાન ગઢવી

( રાષ્ટ્રની પશ્ચિમી સરહદ પર આવેલો આપણો લખપત, ભવ્ય ભૂતકાળ ના સંભારણા હૈયે ભરી વર્તમાનમાં અનેક ભૌતિક અગવડ વચ્ચે મુસીબતો વેઠી રહ્યો છે. રાજયના અન્ય ભાગમાં જઈએ ત્યારે સિંચાઈની કેનાલ,…

जय माँ जोमा।।हूं नीं, जमर जोमां करसी!!

धाट धरा (अमरकोट अर आसै-पासै रो इलाको) सोढां अर देथां री दातारगी रै पाण चावी रैयी है। सोढै खींवरै री दातारगी नै जनमानस इतरो सनमान दियो कै पिछमांण में किणी…

माइ ऐहडा पुत्र जण, जेहडो राण प्रताप – जयेशदान गढवी

माइ ऐहडा पुत्र जण, जेहडो राण प्रताप। अकबर सुतो ऊझखै, जाण शिराणे सांप। (है, भारत की माताओ आप प्रताप जैसे पुत्र को जन्म दो। जिसका नाम सुनते ही अकबर नींद…

धना गाम के गांगजी मालदे सोढा रा सोरठा – खेतदान मीसण

धना गाम के गांगजी मालदे सोढा रा सोरठा खेतदान दोलाजी मीसण देदलाई कृत कुळ हुकळ कचारियां, रजवट भूपत राण। सोभे गंग सुजाण, मणधर सोढो मालदे।।1।।   थाट कचेरी थाय, पाराकर…

इन्द्रबाई माताजी (खुड़द) का छंद – खेतदानजी मीसण

इन्द्रबाई माताजी(खुड़द) का छंद (75 साल पूर्व रचित) ।।दोहा।। आद भवानी इश्वरी, जग जाहेर जगदंब। समर्यां आवो सायजे, वड हथ करो विलंब।। चंडी तारण चारणों, भोम उतारण भार। देवी सागरदांन…