Fri. Nov 22nd, 2024

Category: कवित

आज शिक्षक दिवस है-आशूदान मेहडू

आज शिक्षक दिवस है, शिक्षक को गुरू कहैं, मार्गदर्शक कहै, सरस्वति के भंडार का, द्वारपाल कहैं या बिलकुल कोरे मानव मस्तिष्क पर सुंदर चहुंमुखी विकासरूपी चित्र कोरने वाला अदभूत चित्रकार…

कागबापु रचीत दोहो

कागबापु रचीत दोहो शांतिकरण जगभरण तुं, घडण घणा भवघाट। नमो आध नारायणी, विश्र्वरूप वैराट।। (छंद-भुजंगी) नमो ब्रह्मशक्ति  महाविश्र्वमाया, नमो धारनी कोटि ब्रह्मांड काया; नमो वेद वेदांत मे शेष बरनी, नमो…

प्रेमावती छन्द – कवि खेतदान दोलाजी मीसण

कवि खेतदानजी मीसण ने एक प्रेमावती छन्द में कहा है कि………   कूड़ा धुड़ा सबे कबीला, ठग बाजि ठेराया है।गरज मटी तो मटेया गोठी, गरजे गीत गवाया हे।। पूरा हेतु…

केसरी नमन – आशूदान मेहड़ू “आहत”

आदरणीय सर्व श्री चारण समाज आज क्रांतिकारी बलिदानी केसरीसिंह की पुण्य तिथि है, मैं उस वीर क्रांति को मेरे इन श्ब्दों से श्रद्धांजली दे रहा हूं स्वीकार करावें। केसरी नमन…

निति विधान ~ आशूदान मेहडू

“निति विधान” सत्य बात अति सुहावनी, धरहु हृदय धर ध्यान । मोटप,मद,मूढमति, तजि आडम्बर अज्ञान । जग स्वार्थ,अर्थ शुन्य, ना भेरु भीर रख भान । काम बिगारत कैक कुटिल, बावनिंया…

दाल मे काला – आशूदान मेहडू

दाल मे काला नग़मा “तक धिनाधिन देखो भाई ! पड़ गया रे, दाल में काला। मिलाते हैं जोर लोग, मसाले में मसाला।। 1. गर सुन ले कोई बात, किसी और की…

अठे हर कोई भरे बटका – आशूदान मेहडू

😁 अठे हर कोई भरे बटका 😁 ….  राजस्थानी हास्य कविता  …. घुमावण ने नहीं ले जावां, तो घराळी भरे बटका ……। घराळी रो मान ज्यादा राखां, तो माँ भरे…

राजस्थानी हास्य कविता आशूदान मेहडू

मेरे आदरणीय पाठक सज्जनों.  .   …….. राजस्थानी हास्य कविता ..” हर कोई भरे बटका ” का विलोम…. ” पछे कांईं भरे बटका ” पेश है मुलाहिजा फरमावैं । 1. जद…

मैया से वंदना – आशूदान मेहडू

“सर्वत्र शुभम भवतु” आज चैत्र नवरात्रि के पावन दिवस पर श्री देवी की इस शुभ स्थपना वेला मे आप सभी परिचितों, मित्रों, स्नेहियों एवं अध्यात्मिक प्रेमियों को मैं स्हृदय नमन…

होली रो हुबाल

“होली रो हुबाल” नित होली रो भायां नोखो,फबतो फाग सुणावुं हुं । अटड़ पटड़ आ बातां अबखी,लाम्बी पोथी लावुं हुं । सुणज्यो सगला फाग फजीती, पट्टा झाटक मैं आवुं हुं…