कवियण वंदन काग – गिरधरदान रतनू दासोड़ी
गिरधर दान रतनू “दासोड़ी” द्वारा गुजराती अर डिंगल़ रा महामनीषी विद्वान अर ऋषि तुल्य पूज्य दूलाभाया काग नै सादर कवियण वंदन काग दूहा सरस भाव भगती सहित, राम मिलण री…
गिरधर दान रतनू “दासोड़ी” द्वारा गुजराती अर डिंगल़ रा महामनीषी विद्वान अर ऋषि तुल्य पूज्य दूलाभाया काग नै सादर कवियण वंदन काग दूहा सरस भाव भगती सहित, राम मिलण री…
दुला भाया काग जयंती पर उनके संस्मरण आजे काव्य ऋषि स्व. श्री दुलाभाई भाया भाई काग नी 116 मीं जन्मजयन्ति परे मने एवा युग पुरुष भगत बापू ना नाम…
चारण साडा त्रण प्हाडा- जोगीदान चडीया द्वारा रचित रचनाओं के साथ. प्रथम,प्हाडो छंद: मनहर कवित || नरा चाळ अवसूरा || रचना: जोगीदान चडीया नरा कूळदेवी मात रवेची को लीयो नामशंकर…
दीपर्यो सुख-धाम में, ओ राम रो पैगाम दिवलो। नेह रो दरियाव दिवलो, गेह नै उपहार दे। श्याम-बदना रात रै, झट गात नै सिंणगार दे। तन बाल़ जोबन गाल़ नै, उपकार…
|| खोडल तारा खेल || रचना: जोगीदान चडीया पोगेय तुं पताळमां, गगने करती गेल. जोया चारण जोगडे, खोडल तारा खेल.||01|| (हे मा खोडल..तुं पलक मां पाताळे पोगे तो बीजी क्षणे…
कवि गिरधर दान रतनू “दासोडी” द्वारा “काव्य-कलरव” अर “डिंगळ री डणकार” ग्रुप रा कवियों ने निश्क्रिय रेवण सूं दियौडौ एक ओळभो देती कलरव अर डिंगल़ री डणकार रा मुख्य-संरक्षक / संरक्षक…
जोधपुर रियासत रा देसूरी परगना रा देवली गांव रा शेखावत हरजीसिंह जी, महाराजा साब जसवंतसिंहजी अर सर प्रताप रा घणा मर्जींदान मिनख हा। आप आपरै जीवन रो घणो समय आं…
ब्रह्मा के मरिची बेटै, मरिची कश्यप मुणां, कश्यप के पूत, विस्ववान कहलायै है। विस्ववान के वेवत्स, वेवत्स इक्षाकु बणै, वीर महा नगर वो, अहोध्या बसायै है। इक्ष्याकु कै कुक्षी अरू,…
!! कविया श्री हिंगऴाज दान जी कृत !! वकीलों के विषय में !! आदरणीय हिंगऴाजदान जी कविया ने अपने जीवन काल में कई केश-मुकदमें लङे थे, तथा बङे-बङे सामन्तो जागीर…
सवैया है सतसंग बङो जग में हरि, अंकित सिन्धु सिला उतराने ! पारस के परसे तन लोह दिपै, दुति हेम स्वरूप समाने ! गंग कहे मलयाचल बात छुए, तरू ईस…