नागदमण- राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर
!! नागदमण !! नागराज रो दमण श्रीकिशन जी करियो ने उणरी कवितावां लेख अनैक कविगण व लेखक करियो, उणीज उपर फिल्मां बणी ने नाटक रचिजिया, चावा ठावा चारण भक्त भी…
!! नागदमण !! नागराज रो दमण श्रीकिशन जी करियो ने उणरी कवितावां लेख अनैक कविगण व लेखक करियो, उणीज उपर फिल्मां बणी ने नाटक रचिजिया, चावा ठावा चारण भक्त भी…
प्रातः निवेदन अंम्बा ओयणरीह, छाया रख छत्रैस्वरी ! दिल मझ दोयणरीह, व्यापै ताप न बीसहथ ! !! छप्पय !! रिच्छाकर राखिया, ज्वाऴ बाऴा मंजारी ! रिच्छाकर राखिया, नाथ गौरख नरनारी…
!!छप्पय !! चूंडा दधवाङिया कृत !! आप हूंत आकास, पवन आकास प्रसन्नौ ! पवंण हूंत तत तेज, तेज पांणी ऊपन्नौ ! पांणी हूंता प्रिथी, प्रिथी गुण पंच प्रगट्टा ! पंच…
अमर शहिद केशरीसिह बारहठ जयंती सुजस कवि भवरदान माड़वा मधुकर निजर। अमर शहिद वंदन अती, केशर जती कहाय। सत पैंतालिस सुकृती, जयन्ती जचवाय ।(1) ।।छंद गिया मालती ।। देवपुर जागिरदारा,…
आज के इस विज्ञानिक प्रतिस्पर्धा के युग (कल युग) मे भले ही कोई माने या ना माने लेकिन गढवी चारण का इतिहास कुच्छ और ही है. यह चारण (उचारणा देव…
वही तो मैं चारण हूं मैं चारण हूं…साधारण हूं, मैं झूठ का मूल निवारण हूं । मैं इतिहास का एक विस्तारण हूं, मैं देश गर्व, गीत पर्व, हेतवृद्धक हुलारण हूं…
।।दोहा।। सक हय बसु सत्रह समय, माधव दरस मिलाप। घटिय रुद्र रवि के चढत, उलटि समुद्रन आप।।१ ।।छंद – दुर्मिला।। दुव सेन उदग्गन खग्ग समग्गन अग्ग तुरग्गन बग्ग लई। मचि…
अज मिड़े थद आरो थोकड़ो खासो….उकड़ू वेठा चार पंज भाउर तड़के वेहि गाल्हियें जा गप्प ठेलिंदा डिठा…गाल्हियुं फक्त नेताएं जुं….हितां जी हुतां अईं हुतां जी हितां…. बस पोय मुखे सुझी…
आदरणीय डॉ.आईदानसिंहजी भाटी री ओल़ी चिड़कली सूं प्रेरित कीं म्हारी ओल़्यां ऐ नजर तूं तो भोल़ी भाऴ चिड़कली। दुनिया गूंथै जाऴ चिड़कली।। धेख धार धूतारा घूमै। आल़ै आल़ै आऴ चिड़कली।। मारग…
कवि शिरोमण काग इहग आयो इळ उपरा, साहित्य धन सोभाग। सुरसत मुख रहती सदा, कवि शिरोमण काग।। सितारों सकळ समाज रो, पातां तणो ओ पाग। गढवी इण गुजरात रो, कवि…