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Category: कवित

लाख़ा जमर रौ जस (आउवा पाली) – कवि भंवरदान झणकली

लाख़ा जमर रौ जस (आउवा पाली) – कवि भंवरदान झणकली “सौल़ह सौ संवत रै बरस तियाल़िसै बीच़। ला़ख़ा ज़मर ज़ालीय़ा सतीया श्रोणित स़ीन्च” “धीरज तज जौध़ाण पत कौफ कीयौ कमधैश।…

हा हा बौल कबूतर बौल खौटा रा पड़दा खौल – कवि भंवरदान झणकली

हा हा बौल कबूतर बौल खौटा रा पड़दा खौल – कवि भंवरदान झणकली नैक पंखी कल़ जुग रा नारद भाग भरयौ तू भाई। दैश हिन्द मा काईक दिठौ बतलादै कोक…

चारणा री मरजाद – कवि भंवरदान झणकली

चारणा री मरजाद – कवि भंवरदान झणकली देव कुळ मों जन्म देती, जीभड़ी अमरत जड़ी। उण जिभ्या पर आज आखर लाख गाळ्या ले थड़ी। ऐ रही मरजाद अब तो माघणा…

चारण खेड़ा – कवि भंवरदान झणकली

चारण खेड़ा – कवि भंवरदान झणकली महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता। सरग कैलाश वैकुण्ठ नी मांगू, मुगती रो नही शोक। लाज मरजाद बोल अमोलख जेथ बसे कवलोक।।…

देवी हेलो दे ~ कवि भंवरदान झणकली

देवी हेलो दे ~ कवि भंवरदान झणकली पग पग थान अथग परवाड़ा, सब जग सुजस सुणावै हो। आद भवानी मात आवड़ा, अवलु थारी आवै हो। दैवी हैलो दै माँ आवड़…

पटवारी री पुकार – कवि भंवरदान झणकली

पटवारी री पुकार – कवि भंवरदान झणकली चऊदे बरस पढ़ाई चाली खर्ची रकम करारी। वाभोसा प्रसादी बांटे पूत बणयो पटवारी। पहली ठकराहत पटवारी बाजे दूजी थानेदारी। कोण सुने पटवारी थारी…

दईयाणौ थलवट देश – कवि भंवरदान झणकली

दईयाणौ थलवट देश – कवि भंवरदान झणकली (वैल) 15/03/1968 मीनां समुंदर कूंगर मौरा हंसा सरवत हैत। केहर गिरवर कूप कबूतर जौधारा जुध खेत।। पदमणियां ना पिहर प्यारो जैरौ हिलो आवै…

दारु रौ दूख – कवि भंवरदान झणकली

दारु रौ दूख – कवि भंवरदान झणकली ”साची सीख ग्रहण कर साथी दारुड़ौ धीक्कार रै” लागा पाप वाजीयौ लौफर,पहलौ परचौ पायौ। पैठ ऊड़ी पाड़ै मां पीछै,करजदार कहलायौ। घर मां घाल़ी…

छंद रूप मुकुंद – कवि भंवरदान झणकली

छंद रूप मुकुंद – कवि भंवरदान झणकली घर हूत अणुत कपूतर पूत, भभूत लगाए भटकता है। गुरू धूत कै जूत करतूत सहै, अस्तूत मां भूत अटकता है।। अदभूत धँआङ माँ…

बखत आय ग्यो खोटो – कवि भंवरदान झणकली

बखत आय ग्यो खोटो – कवि भंवरदान झणकली आजादी री घटा ऊमड़ी, बावळ दौट बजायो। खोपा खड़े बिछैरा खावे, औ पड़पंच उडायो।। कोट गढों रा झड़्या कूँगरा, पड़्यो विश्व परकोटो।…