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Category: आई चम्पाबाई माँ

आई चम्पा माँ री चिरजा रणदेव चारण कृत

आई चम्पा माँ री चिरजा रणदेव चारण कृत दोहा पूजू पहला गणपती, दूज शारदा माय। किरथ चम्पा मात कथूं,,किरपा करों कृपाय।। चम्पा लायी चाँदणों, मया धनु रै माय। संवत उनीसौ…

देवी चँपा माता रा छँद – रिडमलदान बारहठ भीयाड

देवी चँपा माता रा छँद रचना रिडमलदान बारहठ भीयाड दोहा चँपा दैवी चारणी मेहडू कुल महान वागजि तात वखाँणियै माता धनुवा माँन दैवी प्रगटी डीणसी धाट धरा धनवँत वागा शुभ…

चावी चंपा चारणां ~ संग्रामसिंह सोढा सचियापुरा

चावी चंपा चारणां चंपा हंदो चाव सूं, विध विध करूं वखाण। साद सेवकां सांभळै, अबखी वेळा आण।। चावी चंपा चारणां, मेहडुवां घण माण। दीपी वसुधा डीणसी, सो धरती सोढाण।।। चावी…

चम्पा माँ री चिरजा-रचयिता – अजयसिंह राठौड़ सिकरोड़ी

चम्पा माँ री चिरजा दोहा प्रथम वन्दन आवड़ा,मोटा करनल माव। अजय सिंवरै आपनै,चम्पा माँ कर चाव।। चिरजा हो म्हारौ बेड़ो पार लगादे म्हारी माय। म्हारी मावड़ी हो म्हारी माय।।स्थाई।। आई…

मान वधारण महीपर – खेतदानजी बारहठ भादरेस

मान वधारण महीपर- श्री खेतदानजी बारहठ भादरेस मान वधारण महीपर, जाबक चारण जात। धन धन डिणसी धाम धर, मेहड़ू चँपा मात। भगती भरीज भावना, खास गुरू खेतेश। गीता रामायण ज्ञान…

चम्पाबाई माँ छंद – विजयभा हरदासभा बाटी

छंद – दोमळियो दुहो प्रगट मात पृहमी परे,हरणी विपत हजार. चरणा दीजो चारणी,चांपल जुगरी चार. छंद धिन चारण कुळ जळोमळ जोगण,ओप दिरावण आप सही. अवतार अपार धिराण महाबळ,सेवकरी सरकार कही.…

चम्पा माँ री दोहावली रणदेव कृत

चम्पा माँ री दोहावली रणदेव कृत सुमरूं गणपति आपनैं, मंगल करों महान्। शारदा बणों सारथी,, देओं आखर दान।।1।। मांडू आखर मायडी, रणदेव नैं रसाव। किरपा जद आ करौला,,तदी शब्द संजाव।।2।।…

चिरजा माँ चम्पा आई री – रणजीत सिंह चांचडा “रणदेव”

दोहा पूजू पहला गणपती, दूज शारदा माय। किरथ चम्पा मात कथूं,, किरपा करों कृपाल।। चम्पा लायी चाँदणों, मया धनु रै माय। संवत उनीसौ पिचतर,,पारकर धरैं पाय।। चिरजा आई चम्पा आपरी…

चम्पा माँ आरती – भवरदानजी “मधुकरजी”

।।चम्पा माँ आरती ।। ऊ जय चम्पा जरणी आई जय चम्पा जरणी। वर्ण तणी कर वाहर, हर दम दुख हरणी।ऊ जय ……टेर । नव सगतां घण नांमी, इल पर अवतरणी…

महमाया चम्पाबाई माँ सुजस – भँवरदानजी माड़वा “मधुकरजी”

महमाया चम्पाबाई माँ सुजस। ।।दोहा।। शुध बुध दे चम्पा सगत, कुमत टाल करनल्ल। भगत सुजस भणै भमरो, उकत समपो अवल्ल। पारकर धन्य वा प्रथमी, तहां चम्पाआई अवतार। मोद करै वर्ण…