Mon. Jun 16th, 2025

Category: कवि रणजीत सिंह रणदेव चारण

होली का गीत-रणजीत सिंह रणदेव चारण

होली का गीत देखों-देखों होली आई रें, खुशियां रंगा में छाई रे। हाँ रे होली आई रें, खूब धुम – धाम मचाई रे।। देखों – देखों……………………….. ।   ठण्डी –…

किसको जुर्म दिख रहा है-रणजीत सिंह रणदेव चारण

किसको जुर्म दिख रहा है जुर्म की धारा इन पाखण्डों से दिख रही है, उनके कर्मों से ये भु धरा आज हिल रही हैं। दुनिया में कितने पैसेवर हैं न…

कौन जन की देख रहा हैं-रणजीत सिंह रणदेव चारण

विषय – कौन जन की देख रहा हैं। कौन तडफ रहा है, इस समर भारत देश में । क्या किया तुमने त्रिकुणी टोपी सफेद वेश में।। भाषण में तुम जोश…

चम्पा माँ री दोहावली रणदेव कृत

चम्पा माँ री दोहावली रणदेव कृत सुमरूं गणपति आपनैं, मंगल करों महान्। शारदा बणों सारथी,, देओं आखर दान।।1।। मांडू आखर मायडी, रणदेव नैं रसाव। किरपा जद आ करौला,,तदी शब्द संजाव।।2।।…

चिरजा माँ चम्पा आई री – रणजीत सिंह चांचडा “रणदेव”

दोहा पूजू पहला गणपती, दूज शारदा माय। किरथ चम्पा मात कथूं,, किरपा करों कृपाल।। चम्पा लायी चाँदणों, मया धनु रै माय। संवत उनीसौ पिचतर,,पारकर धरैं पाय।। चिरजा आई चम्पा आपरी…