माता जी की नामावली व नाम उपमाओं के 101 दूहा रणजीत सिंह चारण “रणदेव” रचित
माता जी की नामावली व नाम उपमाओं के 101 दूहा रणजीत सिंह चारण “रणदेव” रचित (जिसमें पार्वती के 108 पीठों के नाम भी शामिल हैं) गणपति समरूँ आपनें, बारि बारि…
माता जी की नामावली व नाम उपमाओं के 101 दूहा रणजीत सिंह चारण “रणदेव” रचित (जिसमें पार्वती के 108 पीठों के नाम भी शामिल हैं) गणपति समरूँ आपनें, बारि बारि…
मुंशी प्रेमचंद सम्मान लेने वाले “भारत के सबसे युवा कलमकार” रणदेव” को मिलेगा “विविधता में एकता राष्ट्रीय सम्मान” रणजीत सिंह चारण “रणदेव” पिता शंकर सिंह जी चारण निवासरत ठी.-मुण्डकोसियाँ, जिला…
रणजीत सिंह चारण “रणदेव” बनें मुंशी प्रेमचंद सम्मान लेने वाले भारत के सबसे युवा कलमकार श्री विभगुंज वेलफेयर सोसायटी द्वारा मासिक पत्रिका साहित्य समीर के वार्षिकोत्सव में कुछ चयनित…
पुलवामा आंतक से एक ओर शहीद (पढे़ रणजीत सिंह चारण “रणदेव” की कहानी और साथ ही भारत और भारत देश के कश्मीर में आतंक क्यों होता इसका सच।) जय जवान …
” चिरज “ माँ क्रूपा करो मेहाई मायड, देशाणे काबा वारी . हैं काबावाली डोकरी,, आवड करनल अवतारी | क्रूपा करो माँ……… टेर हैं देशनोक करणी किनियाणी, आफत…
चारण एक धारण केवण विनती कालजों , मेहाई सुण मात। चारण बट कैसे वियों,, सबने करदों साथ।।1।। चारण एक धारण हों , शक्ति पुत्र हों साथ। करदों किरपा करनला,,कदम-कदम…
दोहें जगदम्बा के आप पधारों आवडा, दुजों लिए अवतार। गान अब तोरे गाऊं,,करज्यों न इणकार।।१।। शक्ति हिगलाज सरूपा, सेवग विनय सवार। आज ही मात आवजों,,करज्यों न इणकार।। २।। …
जय श्री करणी माँ, जय लुंग माँ, जय सोनल माँ उदयपुर कन्या चारण छात्रावास के लिए कविता हें शिक्षा न्यारी, हें सब को प्यारी, कहीं-कहीं होती इसकी बंटवारी। देखी मैंने…
*श्री करणी शतक* 115 दूहों की दूहावली रचित रणजीत सिंह चारण “रणदेव” मुण्डकोशियां *गणपति तोरे गुण गऊं, पहला लागू पाय।* *महेश पुत मंगल करो ,,साथे करों सहाय।।1।।* *शारदा बणों सारथी,…
ए-मेरे भाई वों कौन थी? (रणदेव कृत) ये हर उस बेटे से एक बहिन(बेटी) का सवाल हैं जिस बेटे ने अपनी माँ को बुढापें में छोड दिया। ———————————————– ए-मेरे…