Fri. Nov 22nd, 2024

Author: शक्तिदान कविया बिराई

आ राजस्थानी भासा है – शक्तिदान कविया

इणरौ इतिहास अनूठो है, इण मांय मुलक री आसा है । चहूंकूंटां चावी नै ठावी, आ राजस्थानी भासा है । जद ही भारत में सताजोग, आफ़त री आंधी आई ही…

डॉ. शक्तिदान कविया री रचना दारु दूषण (सोरठा)

सुरसत थारी सेव,गणपत नै ध्यावूं गहर।भल ुकती दौ भेव,दारु-दूषण दाखवूं।।1 मारु डूब मरंत,दारू रै दरियाव में।उता समंद जल अंत,मरे न डूबै मांनवी।।2 इमरत देवां आप,दारू असुरां नै दियौ।मंगल अठी मिलाप,दंगल…