सदा रंग समियांण
गढ सिंवाणा नै समर्पित- इल़ भिड़ करबा ऊजल़ी, चढिया रण चहुंवांण। बिण सातल रो बैठणो, सदा रंग समियांण।।1 खिलजी रो मद खंडियो, सज मँडियो समियांण। कट पड़ियो हुयनै कुटक, चढ…
ठग्गां रो मिटसी ठगवाड़ो
गीत-जांगड़ो सरपंची रो मेल़ो सजियो, भाव देखवै भोपा। धूतां धजा जात री धारी, खैरूं होसी खोपा।।1 दूजां नै दाणो नीं दैणो, एक समरथन आपै। वित लूटण मनसोबा बांधै, जनहित झूठा…
आंधै विश्वास तणो अंधियारो!
।।गीत जांगड़ो।। आंधै विश्वास तणो अंधियारो, भोम पसरियो भाई। पज कुड़कै में लिखिया पढिया, गैलां शान गमाई।।1 फरहर धजा बांध फगडाल़ा, थांन पोल में ठावै। बण भोपा खेल़ा पण बणनै,…