पीर की स्तुति:- कानदासजी मेहडू
पीर की स्तुति:- कानदासजी मेहडू कानदासजी मेहडू नाम के हिंदूधर्मी चारण, जब खुद कोई झूठे इल्ज़ाम के लिए अंग्रेजों के कैदी बने, उस समय उन्होंने दरीयाई पीर की स्तुति कि…
पीर की स्तुति:- कानदासजी मेहडू कानदासजी मेहडू नाम के हिंदूधर्मी चारण, जब खुद कोई झूठे इल्ज़ाम के लिए अंग्रेजों के कैदी बने, उस समय उन्होंने दरीयाई पीर की स्तुति कि…
सन् 1386 की बात है। जोधपुर जिले के सुवाप गांव में मेहाजी किनिया के घर उत्सव का माहौल था, क्योंकि उनकी पत्नी देवल देवी आढ़ा के छठी सन्तान होने वाली…
लांगीदासजी मेहडू સરસ્વતીની ઉપાસના – આરાધનાને જ પોતાના જીવનનું પ્રથમ અને પરમ કર્તવ્ય માનનાર ચારણોએ ભારતીય સંસ્કૃતિની અસ્મિતાના જતનાર્થે તથા સમાજમાં નીતિમત્તા, ત્યાગ, બલિદાન, શોર્ય અને ભક્તિ ઈત્યાદિ ગુણોમાં વૃદ્ધિ…
Previous Next नाम वासुदेव चारण माता व पिता नाम वासुदान आशिया के पिता वाघदान आशिया एवं वीरवर की जननी मोहन कंवर जन्म दिनाक बाड़मेर जिले के बलाऊ गांव में 07…
भारतीय इतिहास विषयक ग्रंथों का अवलोकन करने से एक बात सुस्पष्ट होती है कि हम भारत का प्रमाणभूत एवं क्रमबद्ध इतिहास प्रस्तुत करने में सफल नहीं रहे हैं। हमारे यहाँ…
दोहा सुरस्वती उजळ अती, वळि उजळी वाण। करु प्रणाम जुगति कर, बाळाजती बखाण॥1॥ अंश रुद्र अगियारमो, समरथ पुत्र समीर। नीर निधि पर तीर नट,कुदि गयो क्षण वीर॥2॥ खावण द्रोणाचळ खमै,…
बिरवडी जी रा छंद ॥दोहा॥ तुं दीधा नूं देव, नरही लीधा नूं नही। गरवी मां गंगैव, बिरद तुहाळौ बिरवडी॥ 1 ॥ निवत कटक नव लाख, जिण नवघण जिमाडियो। सुरज शशिहर…
1857 की क्रांति में राजस्थान का अमूल्य योगदान था। वीर तांत्याटोपे को राजस्थान के शेखावाटी में प्रथ्वी सिंह सामोर ने शरण दी थी, उस वक्त बांकीदास आसिया शंकरदान सामोर ने…
हार्दिक बधाईदिनाक- 30/10/2019 चारण शक्ति वेबसाइट तृतीय वर्षगांठ-Www.charanshakti.org आज ही के दिन चारण समाज की पहली ऐसी राष्ट्रीय चारण शक्ति वेबसाइट (www.charanshakti.org) जिसमे सभी प्रकार की जानकारीया अपडेट होती है,…
हमारे यहां केवल दो प्रकार के साहित्य देखने को मिलते हैं। भाषा साहित्य और धर्म साहित्य, लेकिन चारणी साहित्य एकमात्र साहित्य है जो ज्ञातिलक्षी साहित्य है। हिंदी साहित्य के इतिहास…