राजस्थान की प्रशिद लोक देवियां कवित कवि मधुकर
करनल मात कहै, देशनोक बीकानेर,
चुवां वाली देवी जग, चावा जस चया है।
चुवां वाली देवी जग, चावा जस चया है।
तैमड़ा तणोट आद स्वांगिया मालण तहां,
जगत जैसांण जिला, प्रशिद जो भया है।
जगत जैसांण जिला, प्रशिद जो भया है।
केला देवी करोली ज्यू, जमुमाय जैपुर में,
रैवासा वो जीण माता सीकर में रया है।
रैवासा वो जीण माता सीकर में रया है।
ज्वाल माता जोभनैर, शाकम्बरी सांभर में,
अनपुर्णा शीला देवी, आमेर में अया है।
अनपुर्णा शीला देवी, आमेर में अया है।
आशापुरी महोदरी मोदरा जालोर मुणां,
बांण माता बीरबड़ी,उदेपुर उवा है।
ओशियां में सचिया ज्यू, बिलाड़ा में मात आई,
फलोदी में लट़ीयाल, नागणैची नुवा है।
फलोदी में लट़ीयाल, नागणैची नुवा है।
दुनी चन्दू लोक देवी, देवल माड़वै दाखै,
जुढियै में सैणला रू देखो मात सुवा है ।
जुढियै में सैणला रू देखो मात सुवा है ।
अरष परष सदा, जोधांण चामुण्ड अती,
हरष राजस्थान मधुकर हुवा है।
-कवि मधुकर माड़वा (भवरदानजी)