कवि जयेशदान (जय)
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जन्म | 01 जून 1982 |
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उपनाम | जय |
जन्म स्थान | सोनलनगर कच्छ (गुजरात) |
पता | |
ग्राम: सोनलपुर – पान्ध्रो, तहसील- लखपत, जिला- कच्छ (गुजरात) | |
रचना भाषा | |
गुजराती, हिंदी, कच्छी, मारवाड़ी, पारकरी | |
जीवन परिचय | |
जयेशदान गेनदानजी झीबा उपनाम- जय शिक्षा वर्तमान कार्य प्रकाशित पुस्तकें साहित्य सम्मान सम्पर्क |
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- लखपत खुश
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- क्रांति कैसे होती है?
- जीवन पटकथा
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- पारकरी बोली में प्रथम गजल
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- आई सोनल माँ पर अटूट विश्वास का अद्धभुत प्रसंग
- कालजु ठरवु जोइये
- मौज करें, मन मौज करें
- मने बोलावे छे
- लखलत
- शब्द ना सहारे
- फुलडा नी फांट
- जीवन नो अधिकार
- विवेक वाणी
- क्रांतिकारी केसरीसिंह बारहठ
- जाग हवे तुं, जाग रे जोगी
- गुरु मारी आतम ज्योत जगावे
- आई श्री गंगा मां प्रथम वंदना
कवी जयेशदान (जय) की प्रशंसा में अन्य कवियों के उद्गार इस प्रकार हैं:-
वीणा पाणी उर बसे,वाणी जोस विशेष।
बिगसे डिंगल वाटिका,जब लग आप जयेस।।
गर्ग साब गिरधर गुणी,जोसी नवल जयेस।
कलरव तणै किलोल मे,चार चांद चमकेस।।
~~मोहन सिह जी रतनू