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।।गीत प्रहास साणोर।।
भलै सोढवत धरै तूं अवतरी माड भू
साच मन ईहगां वाच सेवी
वीरी तणै उदर रमी तूं बीसहथ
देवला रूप हिंगल़ाज देवी१

साहल़ां सांभल़ै बधारै संतजन
देव जस जगत मे लियै दाढा
ऊजल़ा संढायच किया कुल़ ऊपनी
ऊजल़ा नांनाणै किया आढा२

मोद तो ऊपरै करै इल़ माड़वो
सोढ री ऐल़ ओलाद सारी
चाढियो नीर चहुं पखां कुल़ चारणी
धिनो बण मानवी देह धारी३

सांसणां प्रसिद्ध भो माड़वो सांपरत
परवरी कीरती संमद पारां
महि बिन थाग सूं होयनै आगमन
तातरो सरायो भाग तारां४

चरित कुण लखै इम तिहाल़ा चंडिका
सहेल्यां झूलरां साथ सीधी
माड़वो धिनो धर रमी जिण मगरियां
कृपाल़ी पगां रज पवित कीधी५

सथापै पड़ै जो तिहारी सरण मे
ऊथपै बहै जो तूझ आंटो
बाप इल़ उथापै बोड़ाणां बोरड़ी
कुटल़ मन मानवी बिरछ काटो६

वहा देथ बापन वर्यो वरदायं
जोड़ कव लायकं जगत जांणै
खारोड़ै रांण वो व्रिद जस खाटियो
इल़ा अमरा़ण री अंजस आंणै७

एक श्री देवला परणावा उमंग सूं
ईहग सुद्ध राचिया जिगन आठै
मांड नव चंवरियां भलै हद मोद सूं
खिति में संढायच सुजस खाटै८

रसा जिण थंभ तोरण तणा रोपिया
धिनो भल सोढवत विरद धारी
उणीगत आज ही मगरियै ऊपरै
भरै जिण बात री साख भारी९

जादमां छात तो चरण मे जोगणी
भूप व्हो माड रो सरण भाटी
मथै घड़सी तणै मया कर मावड़ी
दयाकर जैण री पीड़ दाटी१०

विलापां करंती आई जद बांमणी
सांमणी काटजै कल़ंक सारो
जीवतो बाछ नै कियो झट जांमणी
थहै नीं चरितां पार थारो११

मरजादा सांसणां उलांगै नीच मन
खांडाल़ी ऊपरै जैण खीझै
विरम नै इणी कज विधूंस्यो बीसहथ
रांण पद वीसै नै दियो रीझै१२

पारीनगर भीम नूं दियो परमेसरी
ईसरी ओट मे सोढ आयो
जुलम री खाण हरभम नूं जांणनै
धोप हद त्रिशूल़ां आप ढायो१३

मेघवाल़ां महै बेघड़ा मुणीजै
थिरु हद सुणीजै दास थापी
बापरा सेवागर किया तैं बंटायत
आपरां समोवड़ धरा आपी१४

बीसहथ उदर मे आई खट बेटिया
देवियां जाहरू रूप दाखां
दयाल़ू रहै नित वाहरू दूथियां
एक सूं सिरै हद एक आखां१५

बैचरा वरण मे दिपै हद बडाल़ी
सेवियां अपै नित सुक्ख सातां
कोप दल़ केवियां त्रिशुल़ां काटणी
व्रिदाल़ी स्हायकं बीसहाथां१६

बैचरा कूकड़ा खायगा विटल़ मिल़
तड़ातड़ जिणा़रा घंट तोड़ै
सड़ासड़ निकल़िया सगत रै साद सूं
फड़ाफड़ मलेछां उदर फोड़ै१७

झूठ राठौड़ सोढां तणो जमाई
गमाई दूठ मरजाद गाढी
सगत री करामत लख्यां बिन सिटल़ उण
कुटल़ मन बूट मे कसर काढी१८

कोप जिण ऊपरै होय तन केहरी
कंपियो लोग इम कियो कारो
जोगणी बूट रै देख चख झाल़का
संकियो सहर हमरोट सारो१९

रांण अमरांण रो सरण मे आवियो
जामणी देवला तूझ जेवी
बूट हद कोप नै बणी बिकराल़का
दूहागण तनुजा हुवै देवी२०

सनातन सीर भीर हुय संकरी
रांण री सांभल़ै साद रीझी
बूट सूं छूडायो दूठ वो बीसहथ
तठै तैं पूग नै ताल़ तीजी२१

देख सुण बूट तूं सयांणी दीकरी
रूप इम मात रै रीस राखै
देथां मे हुवै ना सगत अब दुनी मे
देवला आप मुख वचन दाखै२२

धरा पिछमांण री वजै तूं धिरांणी
लोहड़ी धारणी तिहूं लोकै
मुदै निज थांन पर भेद बिन मांनखै
धिनो दहु राह रा वाह धोकै२३

टेरियां संतजन बहै तूं ताकड़ी
लेस ना अवर विस्वास लावै
देवला तिहारी दया सूं डोकरी
पात दिन रात सुख सात पावै२४

मालणा तुंही तूं सैणला मोटवी
नागवी बिरवड़ी देव नामी
चा़पला चंदू तूं करनला कामही
भवानी तिहाल़ा रूप भामी२५

प्रिथी पर अंनत तो सुणीजै परवाड़ा
लहै कुण जिणां रो पार लेखो
बगसजै गुनो बुद्धहीण रो बीसहथ
दयाल़ी नेहरी निजर देखो२६

खारोड़ा राय तूं खल़ां सिर खीझणी
सेवियां रीझणी दास सोरा
छांह रख मावड़ी तमीणां छोरवां
तवै कवि गीधियो सुजस तोरा२७

गिरधरदान रतनू दासोड़ी

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