राजस्थान रा चारण कवैसर प्रखर राष्ट्र वादी अर युगद्रष्टा रैया है अर राष्ट्रहित ने सर्वोपरी अर जीवण रो मूऴ जाणियो है, राजस्थान रा चारण कवैसरां, अंग्रेज-विरोधी क्रान्तिकारियां रै साथै दगा करण वाऴां व वांनै मरवावण वाऴां री व्यक्तियां री कटु भरतसणा की है अर लानत दीहै ! बूंदी नरेश द्वारा गोठङा ठाकुर साब को मरवाणै री घटना पर रामकरण मेहङू सिरसिया कृत डिंगऴ गीत “दगो धारणो नहीं थौ फेर चौफेर फिरंगी दोऴा” !!
अर डूंगरपुर महारावऴ जसवंतसिह जी द्वारा अंग्रेजां सूं युध्द करतां समै गढी रा ठाकर अर्जुनसिंह नमक हरामी करग्या जद दल्लाजी मेहङू रचित गीतमें वीर छत्राणी आपरा कायर व भीरू पति ने भी कङवा आखरां ओऴमो देय बङी भारी कायरता री भरतसणा कर भांडियाहै जिणनै लोक जुबान माथै जबरो जचियो अर जीभां पर रमण करतो रैयो !!
नमूनो गीत रो निजरां आपनै !!
!! गीत !!
मूंघाहालराउगेरै व्रथाहलाया पारणै माता,
पोखै केण कारणै जीवाया थांनै पीव !
लोकलाज धारणै फिरंगीहूंतां झाट लेता,
जैर खाय धणीरै बारणै देता जीव !!1!!
आघाजाता मूंडौलेर पाछौईन आवणौछौ,
करै भेऴा सारा क्यूं गमावणौ छौ कूंत !
आबरूथावतां वटो पीवणौ सहीछौ आक,
जीवणौ नहीं छौ धणी जावतां जसूंत !!2!!
देखौ वैरागरां छाप वङांनै लगाय दीधी,
आवगी हरांमखोरी लीधी माथै आज,
कहौधणीगमाय जीवतांआय कासूं कीधी,
लुच्चां सारां देस री गमाय दीधी लाज !!3!!
चौङैली कुछाप माथैन धारी वङांरी चाल,
खोटीसला विचारी लगाई कुऴां खोङ !
नोरा ले-ले पीवसूं संभरांवाऴी कहै नारी,
मेल आया सारी छत्रीपणां री मरोङ !!4!!
और भी ऐक ऐक सूं ईधका अर सुंन्दर रऴियांमणा सखरा सांतरा सतोला सांचा आखरां बरणाव कीना है चारण कवेसरां, जिणांरी शोध खोज री जरुरत है अनेक शौधार्थी विद्यार्थी इण महत्ती विषय पर काम कर ओ विषय सिरै चढाय सकै है !!
~राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर !!