!! नागदमण !!
नागराज रो दमण श्रीकिशन जी करियो ने उणरी कवितावां लेख अनैक कविगण व लेखक करियो, उणीज उपर फिल्मां बणी ने नाटक रचिजिया, चावा ठावा चारण भक्त भी नागदमण री रचना कीवी, सांया जी झूला अने कल्याणदास जी गाडण भी ऐङा रूपाऴा सोनलिया आखरां नागराज नाथणे रो किशनजी रो वृतांत बणावियो, जिणने आज भी प्रातः री वेऴा मे कईक गांवा रा बुजुर्ग अभी भी पाठ करे है, जिणांरा कीं दोहा दोनां कविश्रैष्ठां रा !!
सांयाजी झूला !!
प्रभू घणां चा पाङिया, दैत बङा चा दंत !
कै पालणै पौढाङिये, कै पै पान करंत !!
कोई न दीठौ कान्हवो, सुण्यौ न लीला संध !
आप बंधाणौ ऊखलै, बीजां छोडण बंध !!
अवनी भार उतारवा, जायो ऐण जुगत !
नाथ विहांणै नित नवै, नवै विहाणौ नित !!
कल्याणदास जी गाडण !!
प्रथ बंदू गुरूदेवपद, श्रीगणपत सुरराय !
गाऊं बुधि सारूं गुण, काली कृष्ण चरित !!
करी पूतना शकट की, विखम त्रणावृत मीच !
असुरउकालक ओपियो, बालकलीला बीच !!
कर लकुटी कंधकम्बऴी, ढरै मुकुट जटधार !
संग भायां रमयो सखां, गायां बिच गिरधार !!
मुखसुमरैजिहिं नामनै,तिहिं निजधाम तयार !
कृष्ण श्याम कथरे कला, वे है राम-वतार !!
~राजेन्द्रसिंह कविया संतोषपुरा सीकर !!