Fri. Nov 22nd, 2024
केशरीसिंह बारहठ
ठा. केसरीसिंह बारहठ
ठा. केसरीसिंह बारहठ – व्याक्ति परि‍‌चै : –
(जीवन यात्रा)
जलम : २१ नवम्बर १८७२ गाँव
देवखेड़ा शाहपुरा राज्य में
पिता : ठा. कृष्णसिंह बारहठ
माता : बख्तावर कंवर

:- माताजी वामरे जलम रे एक महीना पछी देवलोक होय गिया हा जिण सुं वारं दादीसा शृंगार कंवरजी, जको कवि राजा श्यामलदासजी रा बड़ी बैन हा, केसरी सिंह जी रो पालन – पोषण करयो हो ।

:- सन १८९१ ई में उदपुर राज्य री सेवा में लागा ।

:- केसरी सिंह जी रौ ब्याव कोटा कविराज देवी दान जी री बैन माणिक कंवर सुं सन १८९० में होयो ।

:- दो पुत्र होया
१) कु. प्रताप सिंह (२) कु. रणजीत सिंह

:- दो पुत्रियों ही
१) चंद्रमणि (२) सौभाग्यमनी

:- दो छोटा भाई हा
१) ठा. जोरावर सिंह (२) ठा. किशोर सिंह वृह्स्पत्य

ठा. केसरीसिंह बारहठ 
व्यक्तित्व अर कृतित्व
राजस्थान रा केसरी ठा. केसरी सिंह बारहठ आपरे नाम रे ताई साम्प्रत केसरी इज हा । इन नाव रो मह्ताऊ वरणाव इन भांत है ।
केहर (सिंह) री कुल – कान, भिड्नो, सो किम भुल्वे ।
नाम धरम पहचान कोइक जाने कालिया ।।
आप राज पूताना री देसी रियासता में सुतंतरता री जोत जगावन आला एडा लूंठा क्रन्तिकारी हा, जका पराधीन मायड भौम री आजादी रे जिग में आप खुद अर आपने सगे पिरवार रो से कुछ होम दीनो ।

भाई ठा. जोरावर सिंह बारहठ २३ दिसम्बर १९१२ ई. में दिल्ली रे चाँदनी चौक में वाईसरौय लार्ड हार्डिंग माथे बम फैंकियो हो, जिनरी गूंज सू इंग्लैंड रो राज सिहासन ई हिंडोले चढग्यो हो, अमर शहीद कु. प्रताप सिंह बारहठ २४ मई १९१८ में बरेली (उ.प्र.) री जैळ में अंगरेजा रो जुलम बरदास्त करतौ थकों आपरो जीवण निसार दियो। वां खुद आपरे बेटे प्रताप सिंह रे साथै छोटे भाई जोरावर सिंह अर खुद रे जँवाई ईश्वरदान आशिया नै ई क्रान्तिकारी आंदोलन में कूदण सारू अर्जुन लाल सेठी अर रास बिहारी बोस कनै भेज दिया।
इण वगत रा देस रा नामी क्रान्तिकारी रास बिहारी बोस, लाला हरदयाल, श्यामजी कृष्ण वर्मा, अर्जुन लाल, सेठी, श्री गणेश शंकर विद्यार्थी अर राव गोपलशिंह आद रै सागै उणा रौ घणौ नैडो जुडाव हो।
आप देश री आजादी रे इन पख रे सागे ई संस्कृत, प्राकृत, हिंदी, गुजराती, मराठी, अर बंगला भाषावां रा लूंठा विदवान, सांख्य योग आद दर्शना अर काव्य शास्त्र रा ज्ञानी हा । वे शिक्षा री सही दीठ सुंदेस ने जगावण आळा प्रणवीर पण हा ।
हिदूँआ सूरज महाराणा मेवाड़ रो परताप आप रे पाण इज थिर रियो हो। १९०३ ई, री २ फरवरी ने लार्ड कर्जन कानी सूं सम्राट एडवर्ड रै पट विराजण रे मौके दिल्ली में होवण आळे दरबार में पूगण खातर महाराणा फ़तेह सिंहजी व्हीर होय गिया हा। उण वगत बारहठ केसरी सिंह चेतावनी रा चूंगत्या लिख र हलकारे रे हाथ महाराणा फतेह सिंह कने भेजिया । सरेरी स्टेशन माथे रेल में वां १३ सोरठो ने पठतां ई मेवाड़ी महाराणा से सुतोडो स्वाभिमान जागियो अर वे बिना दरबार में हाजरी दिया सीधा मेवाड़ पधार गिया । २ फरवरी १९०३ ई. री इण अणचिंत अर गळै नी ढलणवाळी घटणा रे असर री अजै ताई कुंत कौनी व्है सकी है । रजपूती मरजाद थिर राखण आळी ऐड़ी मिसाल दूजी कठैई नि व्है सके है ।
सिरे क्रान्तिकारी होवण रे सागे श्री बारहठ चावा’र ठावा साहित् मनीषी पण हा । हजारी बाग सेंट्रल जैल मंयने आजीवन कैद रे बिचाळे आप सरावण जोग साहित रचियो जिणमें प्यारे पर्थ सारथी, ‘ईश भक्ति, धनाक्षरी, नाम धरम री ओळखान, आपरी बात, नीति रा दूहा अर गणेश शंकर विद्यार्थी, राव गोपाल सिंह खरवा अर कोटा महाराव उम्मेद सिंहजी आर चारण समाज रा महामना मदनमोहन मालवीय पूजन जोग मोती कल जी कीनिया माथे बनायोडा मरसिया रे एक-एक आखर में ज्ञान रो सागर लखावे है ।

चारण समाज में शिक्षा री जको अखूट जोत आपां रे अंतस में व्यापयोडी दीसे है, वा ठा. केसरी सिंह बारहठ रे इज जगयोडी है । ठावा- ठावा सैहरों-कस्बों में छात्रावासों री थरापना, ठकराई री ठौड पढाई रो पख ज़ेलनो, पडदा’र त्याग जैडे कलंक सूं निकलंक वांरे पण इज होय सक्या हाँ ।
सर ओ इज है के वे एकण सागैई राजस्थान रा रवीन्द्रनाथ अर अरविंद पण हा । ऐडे जुग पुरुष ने बारम्बार वन्दन

।।श्री हिंगलाज नमः।।
सिरे क्रांतिवीर ठाकुर केसरी सिंह बारहठ जयंती उच्छब
जोधपुर(राज.)
दिनांक :२१.११.०९, शनिवार
स्थान :जय नारायण व्यास स्मृति भवन
(टाउन हॉल) जोधपुर
श्रद्धान्जलि :सिंज्यारा २ बाजियां
श्री करणी छात्रावास, जोधपुर
नाटक बलिदान :सिंज्यारा ३ बजियां (टाउन हॉल)
आतिशबाजी :रात रा ९ बजियाँ
जन्म : २१ नवम्बर, १८७२
महाप्रयाण: १४ अगस्त १९४१
गाँव्- देवपुरा
(शाहपुरा मे)
ठा. केसरीसिंह बारहठ
हेमकडी तज हथकड़ी, पहरी बेडी पाय।
जनमभोम हित झूजियो, जेलों केहर जाय।।
सुहड भ्रात जमात सूत, समिधा हुआ सुचंग।
जग्य हुतासण जोंकिया, रंग केहर घणरंग।।

आदर जोग…………………………………………………………………………………
घने मान अरज करता थकां हरख’र अंजस है क हिंदुआ सूरज री आतस रो राखणहार, क्रांतिकारियों रो कर्णधार, सत् साहित रो सिरजण हार, बलिदानी, सुज्ञानी` राजस्थान रो केसरी ठा. केसरी सिंह बारहठ री जलम गांठ रो उच्छब जोधपुर में थरपीजियो है ।
इण महताऊ मौके प्रो. अर्जुन देव चारण रे बणायोडे’र दिलीप सिंह भाटी रे सजायोडे ठा. केसरीसिंह बारहठ रे जीवण जात्रा रो सांगोपांग वरणाव करण आळे निरखण जोग नाटक ‘बलिदान’ रोमंचणराखी जियो है ।

इण मौके आपने घनेमान सूं सिगरी पधारण रो नूंतो है ।
राज रे पधारिया उच्छब री शोभा सवाई बढसी ।
नूतणहार 
श्री चारण विकास परिषद राजस्थान
शाखा – जोधपुर
संपर्क सूत्र
9414602225 9468558059 9983078461
9460049221 9460217815 9414916148
9829363261 9829674503 9460248479
9413974126 9414464068 9828295080
9414496325 9413060601
केसरी रो काव्य कुसुम 

पग-पग भम्या पहाड़, धरा छांड राख्यो धरम।
(ईसु) महाराणा’र मेवाड़, हिरदे बसिया हिंद रे ।।
घण घलिया घमसाण, (तोई) राण सदा रहिया निडर।
(अब) पेखंता फूरमाण, हलचल किम फतामल हुवै ।।
सकल चढावै शीष, दान धरम जिणरो दियौ ।
सो ख़िताब बखशीश, लेवण किम ललचावसी ।।
-चेतावनी रा चुंगत्या सूं

साम्राज्य-शक्ति शत्रु व्ही, सर्वस्व ठ सो कढ गया,
वीर पुत्र प्रताप हुआ वेदी बली पर चढ गया ।।
भ्राता जोरावर हुआ प्यारा निछावर पथ वही,
पतित-पावन दीन बंधो ! शरण इक तेरी गही ।।
अज हौ ण मेरी जननी का दासत्व बंधन कट चूका,
मात्रु क्रंदन मांगना आहुतियों का नहीं रुका ।।
बोटियाँ तन की उडें, अभिलाष अब भी है यही,
पतित-पावन दीन बंधो ! शरण इक तेरी गही ।।
-आपरी बात सूं

यश प्रशस्ति
ठा. केसरीसिंहजी बारहठ ने श्रद्धान्जलि
चारण छत्रयां रो चतुर, उपदेसक अणमोल ।
बारठ केसरी बिछडयौ, तिण दुःख रो नंह तोल ।।
-ठा.रामसिंह राठौड (कैलवा-मेवाड़)
हाडौती के हदय धन, चारण कुल के चंद ।
वीर भुमि बन केसरी, जय जय जय स्वच्छन्द ।।
-लक्ष्मण स्वरूप त्रिपाठी (अलवर)
वीर घरा बंगाल, क्रांति पथ धारण कीयौ ।
जगी सुतंतर झाळ, कुद’र पडीयो केहरी ।।
डे बैठो बलिदान, प्रिय पुत्र परताप सें ।।
मरनौ धरम समान, करगौ त्यागी केहरी ।।
-उदयराज उज्जवल (केहर पच्चीसी)

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *