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दोहा

पूजू पहला गणपती, दूज शारदा माय।
किरथ चम्पा मात कथूं,, किरपा करों कृपाल।।
चम्पा लायी चाँदणों, मया धनु रै माय।
संवत उनीसौ पिचतर,,पारकर धरैं पाय।।

चिरजा
आई चम्पा आपरी किरपा म्हारैं आयों काज सरै।
काज सरै,ओजी कष्ट हरै,देवी मानें सरताज धरै।।
श्रावण माह शुक्ल पक्ष माही, एकादशी ने दातार,
गांव डीनसी लीन्हों जन्म, जिला सिंधवी सरकार।।
आया-आया मेहडू कुल माय आंगण आवाज करैं,,
आई चम्पा आपरी…….. 1
वाघदान रे घरा आया, बाईसा धनुबाई री कोख।
छोटी उमरा पकड लिन्हों,भजना गीता री सोख।।
हो देवी घरा मय गुणगान करै, देवी रागमलाल करै।
आई चम्पा आपरी………. 2
छोटी उमरा बणा गुरू,खेताराम नैं उच्च कर्मा रो जानैं ।
जय हो कर्मा री कार, देवी पढें गीता रो रस पानैं।।
आपरो देवी मधुर आलाप सुन, सगला नाज करै।।
आई चम्पा आपरी………3
मलदान रो क्षय रोग मैट, देवी किरपा ऐसी किन्ही।
फैर लोवडी माथा ऊपरै,, जीवन री ज्योति दिन्ही।।
देवी थाकी किरपा पाय,आज सारां टाबर राज करै।
आई चम्पा आपरी……. 4
चिडि कबुतर पक्षी सारा,मैया रै हाथा मय चूगा चरै।
तैरह वर्षा री उमर माही,आई भक्तिरस भाव भरैं।।
देवी मेटो जी म्हारों कोड, कष्ट कपट आवाज करैं।।
आई चम्पा आपरी……. 5
आप धाट नैं छोड देवी ,मय तारिसरा आय रूखालैं।
वटासूं भी छोड देवी ,, बसग्या चंपानगर बीकाणैं ।।
ओजी आया मरूधर माय, आकर किरपा काज करैं।।
आई चम्पा आपरी…….. 6
किधी डोकरी किरपा जी, पोते ईश्वर दान रै लार।
केवें सुथार नें सपना में, इन करबा दें भलाई नर-नार।।
मूं रैस्यू जा थारै कार, देवी विजयदान नैं प्रताप धरैं।।
आई चम्पा आपरी……. 7
आसपास री दें आशीष, चम्पा नगर मुक्त काल करैं।
“रणदेव”आई सुण पीड ,,भगत सदा ही भाल करैं।।
ओजी भक्ता भक्ति करों ,आई किरपा आज करैं।।
आई चम्पा आपरी…….. 8
आई चम्पा आपरी किरपा म्हारैं आयों काज सरै।
काज सरै,ओजी कष्ट हरै,देवी मानें सरताज धरै।।

–रणजीत सिंह चांचडा “रणदेव”

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