“सर्वत्र शुभम भवतु”
आज चैत्र नवरात्रि के पावन दिवस पर श्री देवी की इस शुभ स्थपना वेला मे आप सभी परिचितों, मित्रों, स्नेहियों एवं अध्यात्मिक प्रेमियों को मैं स्हृदय
नमन करता हूं शुभ कामनाएं देता हूं… स्वीकार करावें ।
“मैया से वंदना “
दे दे मैया तू आज दिल से, तेरे दरबार से सबको दुआएं ।
स्विकार हो सबको सब की, सभी
शुभ कामनाएं ।. ..दे दे मैया ..
मेरा देश भी अखंड रहे , खंडित ना हो कोई परिवार भी ।
भंडार भरदे सबके मैया , करदे
पूर्ण सभी कामनाएं ।. .दे दे मैया
मिटे छल,कपट,अहंकार आदि ,
बरबाद ना हो कोई अटर ।
जगे ज्योति तेरी, जगती रहे,
मिटे अंधकार अर आपदाएं. .दे दे मैया। …..
तू सिंघवाहिनी, अर्धांगिनि, शिव हृदय बस्ती सदा ।
उठा शस्त्र तेरे, दिखा रूप ऐसा,
भूत,दैत्य सभ भाग जाऐं. .दे दे..
दुख,दर्द,शंका,दारिद्रय मिटे ,
छंटे बादल सभी अज्ञान के ।
ज्ञान बूंदें सदा टपकती रहें ,
तेरे सरसुत रूप की सब हृदय समाऐं ।….दे दे मैया ..
तेरी बेटियाँ ना हो व्याकुल कभी ,
सुख संसार इन सबको मिले ।
तेरे पूत भी ना हों कपूत कभी ,
रक्षा करें देश सीमाएं ।. ..दे दे…
करूं विनती कर जोर अम्बे ,खड़ा
” आहत ” तेरी आशा लिऐ ।
बरसादे मैया स्नेह सरिता ,भगे दूर भ्रांति भावनाऐं ………दे दे मैया
तू आज दिल से ,तेरे दरबार से सबको दुआएं…..
स्वीकार हो सबको सबकी, सभी शुभ कामनाएं …… दे दे दे …….
जय मैया भवानी मेरे हृदय यह बानी….. जज जय जय …..
~आशूदान मेहड़ू “आहत” जयपुर राज