पटवारी री पुकार – कवि भंवरदान झणकली
पटवारी री पुकार – कवि भंवरदान झणकली चऊदे बरस पढ़ाई चाली खर्ची रकम करारी। वाभोसा प्रसादी बांटे पूत बणयो पटवारी। पहली ठकराहत पटवारी बाजे दूजी थानेदारी। कोण सुने पटवारी थारी…
पटवारी री पुकार – कवि भंवरदान झणकली चऊदे बरस पढ़ाई चाली खर्ची रकम करारी। वाभोसा प्रसादी बांटे पूत बणयो पटवारी। पहली ठकराहत पटवारी बाजे दूजी थानेदारी। कोण सुने पटवारी थारी…
संकटो में घिरे हुवे सेनानी का सन्देश ~ कवि भंवरदान झणकली दोहा मात सन्देशो मेलियो बेटा छोड़ विवाद। खुश कर याया खान नां आ जा होय आजाद ।।1।। मात पिता…
दईयाणौ थलवट देश – कवि भंवरदान झणकली (वैल) 15/03/1968 मीनां समुंदर कूंगर मौरा हंसा सरवत हैत। केहर गिरवर कूप कबूतर जौधारा जुध खेत।। पदमणियां ना पिहर प्यारो जैरौ हिलो आवै…
दारु रौ दूख – कवि भंवरदान झणकली ”साची सीख ग्रहण कर साथी दारुड़ौ धीक्कार रै” लागा पाप वाजीयौ लौफर,पहलौ परचौ पायौ। पैठ ऊड़ी पाड़ै मां पीछै,करजदार कहलायौ। घर मां घाल़ी…
सुध बुध समपो सगती देमां करूँ अरदास परवाड़ा तोरा पढां पींगळ छंद प्रकाश।।1।। शरण लीधी फते सिंह जी माघण धर मंझार वळीयो मारण वाखरो चारण वर्ण चकार।।2।। चूंथ पातां धन…
छंद रूप मुकुंद – कवि भंवरदान झणकली घर हूत अणुत कपूतर पूत, भभूत लगाए भटकता है। गुरू धूत कै जूत करतूत सहै, अस्तूत मां भूत अटकता है।। अदभूत धँआङ माँ…
बखत आय ग्यो खोटो – कवि भंवरदान झणकली आजादी री घटा ऊमड़ी, बावळ दौट बजायो। खोपा खड़े बिछैरा खावे, औ पड़पंच उडायो।। कोट गढों रा झड़्या कूँगरा, पड़्यो विश्व परकोटो।…