चारण खेड़ा – कवि भंवरदान झणकली
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।
सरग कैलाश वैकुण्ठ नी मांगू, मुगती रो नही शोक।
लाज मरजाद बोल अमोलख जेथ बसे कवलोक।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।1।।
मोटो सासण झणकली माड़़ी, गढ़वाड़ा सिर मोड़।
शीला देमा सतिया शोभे, जगतम्बा री जोड़।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।2।।
वार तेवरा बैठ छभा माँ, बन्धुडा रे बीच।
मनवरा कर मान सु जीमा खीर मिठाइया खीच।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।3।।
कविया रूप अनोप कहिजे, जबर जेठुदान।
आम्बो ठाकर हीर अमोलख पारश पन्नादान।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।4।।
कोझो वेंणो भंवर कहिजे वड भागी धनवान।
रासांणी भंवरों हदरुडो दुर्गो ने तगदान।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।5।।
हेत सा भेटवा जाये हरसाणी गरवा गोरधन दान।
रतनू वस्तीदान रिझालु बाघजी काछबदान।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।६।।
मीठो लाधुराम मोसेरी चन्दो शक्तिदान।
खारची वैणीदान सुणिजै खरच मोटो खांण।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।७।।
बालैबे कव खीम विद्याधर वड भैरु धनवान।
पतू पीथौ कुंप परीछत चावा चम्पादान।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।८।।
मिठू इन्दर मन मौहिला दैथौ शक्तिदान।
जुगतौ ने वीजराज सुजाणु रूडौ रतनू राण।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।९।।
जैसुदान प्रताप जोरावर राण सतौ दुरंगैश।
दैथौ रूप सभा कुल दीपक गढवा वैश गुणेश।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता। ।।१०।।
गाडणा भैटै कोड सूं जावा दूदाबैरी गाम।
पीरल गजल खैतल पतु नगजी ठावा नाम।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।११।। (दुदाबैरी)
सैणा मानव गाम सुरीलौ तैथ बसै तगदान।
जैतसी भारू गजौ जालू दुरंगौ नै कवदान।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।१२।। (सुरा)
मघौ नाथू रामसौ मोरू दैथौ भंवरदान।
नैडौं पाणी मगरा नामी धरती पाकै धान।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।१३।। (सुरा)
जनम्या ईशरदास जठीनै दैव धरा भादरेश।
लाखीणौ नर हीर लछाणी बाण कवी विशनैश।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।१४।।
हीरजी लाधुराम हेतालू भलपण कोट भुरैश
पारस अचु मंगल पतू नीम्बौ ने करनैश।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।१५।। (भादरेश)
नैडौं खैडौं नीम्बला नामी पात बसै पुरदान।
कविया भेटै हस्ते कमल दैथौ समरथ दान।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।१६।।(निम्बला)
रावतरा मा वैणजी रूड़ा रतनसी राजडाल।
बोगनीयाइ चनण बंको खीमजी गाम खोडाल।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।17।।
जूनो सासण झाँफली जेमा मड़द बसे महादान।
वीरजी ने रणजीत बीलाला खीमजी हीरा खाण।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।18।
अखो घुवड घूहड़ा इडग मुलिया माँ नखतेश।
बरसींगा माँ उतमो लालस भंवर भू विशेष।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।19।।
गुनियन शंकर शगतो गूंगे हंस मुखी हरदान।
लालस रासो किशन लखीणो देव जेतो सुरदान।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।20।।
सांढा मा जुगतैश सुणिजै पाटक परभूदान।
जाण पुराणी मंगल जारो माड धरा मा मान।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।२१।।
अमरदान हैतु गुण सागर रतनू बलू रांण।
गांव भियाड कवि गिरधार हेतु वैणीदान।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।२२।।
चौचरै नालो देवजी चावा गाडण अमरदान।
दान भीखो रतकौडीयै दीपे और शैखौ आईदान।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।२३।।
आरंग मां जुगतैश अमौलख भारवाणी कुल भाण।
हैम जौधा हर वड हेतालू माघणा राखण मान।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।२४।।
खैलाणै सगतैश खातीलौ वाणाडै भगदान।
अरजण दान मदासर आपै नरियंद रूप नैडाण।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।२५।।
कीरत बंको गाम कजौई माघण मौतीदान।
भीखौडाई वैरीसाल विलालौ पीथजी दैवीदान।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।२६।।
उजलां मा मगराज अमीरस कवियंद मौड कैलाश।
वड कवि सगतैश बिराई मीठौ मत कैलास।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।२७।।
बारट रा मा भंवर बंको दूजौ जूगतीदान।
लखजी आवडदान लाखीणौ ईच घर कुल भाण।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।२८।।
वाखरी लक्षमण दान विलालौ लाल पुरै वैण।
कीरत धारी ग्राम कलाऊ सुरीयंद जसु सैण।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।२९।।
सुकवि हैतुदान सवाऊ बांधेवै वखतार
किशौले मा भैर कहीजै हेतु खारैपार।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।३०।।
पारलू चण्डीदान परीछत दूजौ दैवीदान।
चारण वाडे भूरजी चावा सरवडी लाल सुजाण।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।३१।।
रतनू नाथु धुडजी रामै पनजी सूमल पाज।
अर्जुन दान भैलाण अंटिलौ सिरूवै मां पूंजराज।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।३२।।
वाखराणीयां पनजी वडालौ राज कवि रतनेश।
सगतौ लाल तिलोक सुजाणू पाट धणी पुरखैश।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।३३।।
कौडा जैठुदान कहीजै कोटडी झीणो काम।
मारग वैतां आय मुसाफिर विच पावै विसराम।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।३४।।
वखतौ वैणों प्राग बिलाला ठावा ठकर दान।
आंबजी जेठूदान अमौलख मंगल दैथौ मान।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।३५।।
सांगड रामौ भैर सरावै सपूतां सिरताज।
मेघु आदौ मौहन माणै अनकी रीतां आज।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।३६।।
मेहरैरी परताप जोरावर जवार औलैचै जाण।
पुसड मीसण विरधौ पारस मुवडां मंगलदान।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।३७।।
बाडमेर तिलोक विलालौ रुपक दैथौ राण।
मोटी रीत सदा मन मौजी जाय सेही घण जाण।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।३९।।
मठडियै कव भूर मणा धर अमरत इजतदान।
सैणा सांवत रुप सरावा सखरा सगतीदान।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।३९।।
खांणै हेम दैथौ जस खाटण रागी बारट रुप।
नरसौ गौरधन छैल निरमल फरसदान अनुंप।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।४०।।
पैमाणीया मा रांण परिछत वैदाणियै महासिंग।
बगनू देशल पेहल विलाला डैहकण रामसिह।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।४१।।
बौडावै तगदान वडालौ सच कथ्यो शिवदान।
रौवल मायं अमौलख रूडौ जातक सेवी जाण।।
महिपर मोलत दीजो माता में चारण देखन चाहता।।४२।।
चारण खेडा चौज बखाण्या गाम चंगो चारणौर।
राण देथो प्रताप
~कवि भंवरदान झणकली