रल़ियाणो राजस्थान जठै – गिरधरदान रतनू दासोड़ी
राजस्थान दिवस री बधाई …. रंग बिरंगी धरा सुरंगी, जंगी है नर-नार जठै। सदियां सूं न्यारो निरवाल़ो, रल़ियाणो राजस्थान जठै। रण-हाट मंडी हर आंगणियै, कण-कण में जौहर रचिया है। ताती…
राजस्थान दिवस री बधाई …. रंग बिरंगी धरा सुरंगी, जंगी है नर-नार जठै। सदियां सूं न्यारो निरवाल़ो, रल़ियाणो राजस्थान जठै। रण-हाट मंडी हर आंगणियै, कण-कण में जौहर रचिया है। ताती…
संभल़जै सत सिमरियां साद निज सेवगां, लेस मत हमरकै जेज लाजै। विपत्ति मिटावण वसुधा-कुटंब री, उडंती लोवड़ी भीर आजै।।1 खलक री रखै तूं पलक री खबर नै, मुलक में पसरगी…
हे डोकरड़ी! माफ करीजै! हे मायड़भासा! सुंदर सरूपी तरूणी बाल़ा लड़ाझूम गैणां सूं सजधज सहनशीलता भाव गहनता शील सुशोभित बडपण धार्यां गात वडाल़ै भुजा-आजानु घण पूतां री सुण-सुण वीरत धारी…
मधुसूदन जिण सूं रीझ्यो हो, वरदायी जिणरी वाणी ही। बचनां सूं जिणरै अमर बणी, ऊमा दे रूठी राणी ही। कोडीलै बाघै कोटड़ियै, सेवा जिण कीनी सुकवि री। मरग्या कर अमर…
साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली रै अनुवाद पुरस्कार 2019 सूं आदरीजण वाळी काव्यकृति ‘चारु वसंता’ मूळ रूप सूं कन्नड़ भासा रो देसी काव्य है, जिणरा रचयिता नाडोज ह.प. नागराज्या है। इण…
राजस्थान जितना बहुरंगी है उतना ही विविधवर्णी यहां का काव्य है। जब हम यहां के पारम्परिक काव्य का अनुशीलन करते हैं तो शक्ति भक्ति से अनुप्राणित काव्यधारा हमारे सामने आती…
जनकवि ऊमरदानजी लाळस का नाम राजस्थानी साहित्याकाश में एक ज्योतिर्मय नक्षत्र की भांति देदीप्यमान है। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की पृथक पहचान है। पाखण्ड-खंडन, नशा निवारण, राष्ट्र-गौरव एवं जन-जागरण का…