आ राजस्थानी भासा है – शक्तिदान कविया
इणरौ इतिहास अनूठो है, इण मांय मुलक री आसा है । चहूंकूंटां चावी नै ठावी, आ राजस्थानी भासा है । जद ही भारत में सताजोग, आफ़त री आंधी आई ही…
इणरौ इतिहास अनूठो है, इण मांय मुलक री आसा है । चहूंकूंटां चावी नै ठावी, आ राजस्थानी भासा है । जद ही भारत में सताजोग, आफ़त री आंधी आई ही…
डोकरी – गज़ल नरपत आसिया “वैतालिक”बैठी घर रे बार डोकरी!किणनें रही निहार डोकरी!हेत हथाई अपणायत री,टाबर रे रसधार डोकरी!बाल़कियां री हरपल़ बेली,बण बाघण खुंखार डोकरी!धीणां, डांगर, प्हैला आंगण,राख नीरती न्यार…