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Month: December 2019

ए ज सोनल अवतरी- कवि दुला भाया “काग”

।।दोहा।। उग्रसेन चारण सकळ, कंस कळी बणवीर। गोकुळ मढडा गाममें, सोनल जाई हमीर।। ।।छंद – सारसी।। नव लाख पोषण अकळ नर ही, ए ज सोनल अवतरी।। मा ! ए ज…

छप्पय – डॉ गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

छप्पय सब सेणां रै साथ, प्रात उठ दरसण पाऊं। मात चरण में माथ, नेम सूं नित्त नमाऊं। सुरसत देवै सुमत, कुमत मेटै किनियाणी। जुगती सबदां जोड़, उरां उकती उपजाणी। जगदम्ब…

मोटी मरजादण मरुभाषा – डॉ गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

सतियां रै सत री गाथावां पतियां रै पत री घण बातां। जतियां रै जंगी जूझारू जीवण री जूनी अखियातां।। संतां री वाणी सीख भरी सूरां रा समर अनै साका। वीरां…

वहशी गर जिंदा होते, हम सब शर्मिंदा होते – डॉ.गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

कानून टूटने का, हमको भी ग़म रहेगा पर जितना रहना था, उससे कुछ कम रहेगा। जाँबाज न जागे होते वहशी सब भागे होते कानून भले बच जाता, हम सभी अभागे…

चिरजा- बिड़द रख बीसहथी वरदाई – डॉ गजादान चारण शक्तिसुत

बिड़द रख बीसहथी वरदाई, सेवग दुख हर लीजे सुरराई। खल को खंडन कर खलखंडनि, मेछां उधम मचाई। संतन के मन गहरो सांसो, पुनि-पुनि-पुनि पछताई।।1।। खल संग निर्मल होय सफल कब,…

एतबार रखिए अवस – डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

एतबार रखिए अवस, इस बिन सब अंधार। रिसते रिश्तों के लिए, अटल यही आधार।। एतबार पे ही टिके, घर-परिवार-संसार। एतबार से ही बहे, रिश्तों की रसधार।। प्रीति परस्पर है वहीं,…

मत करो इस मुल्क से गद्दारियाँ पछताओगे – डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

मत करो इस मुल्क से गद्दारियाँ, पछताओगे देखकर फिर देश की दुश्वारियाँ, पछताओगे वतन से ही बेवफाई फिर वफ़ा है ही कहाँ खो के अपनी कौम की खुद्दारियाँ, पछताओगे इस…

ये षड्यंत्री दौर ~ डॉ. गजादान चारण “शक्तिसुत”

ये षड्यंत्री दौर न जाने, कितना और गिराएगा। छद्म हितों के खातिर मानव, क्या क्या खेल रचाएगा। ना करुणा ना शर्म हया कुछ, मर्यादा का मान नहीं। संवेदन से शून्य…

सांईदीन दरवेश

मध्यकालीन राजस्थानी काव्य में एक नाम आवै सांईदीन दरवेश रो। सांईदीनजी रै जनम विषय में फतेहसिंह जी मानव लिखै कै- “पालनपुर रियासत रै गांम वारणवाड़ा में लोहार कुल़ में सांईदीनजी…

23 दिसम्बर 2019 शौर्य दिवस पर विशेष पड़ताल – चारणत्व मैग्जीन

इतिहास के पन्नों में से कई नाम ऐसे भी है, जो हाशिए से भी बाहर निकल जाते हैं। कुछ के नाम सरकारी दस्तावेजों, रिकार्डो, बिल्डिंगों भवनों के साथ – साथ…