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Month: November 2019

सखी! अमीणो सायबो

सखी अमीणो सायबो घर आंगण मांहे घणा, त्रासे पडिया ताव। जुध आंगण सोहे जिके, बालम बास बसाव।। वीर स्त्री कहती है संकट की घडी मे भयभीत होने वाले तो प्रत्येक…

सोढा संग्राम सा रो जस शतक – वीरेंद्र लखावत कृत 

सोढा संग्राम सा रो जस शतक वीरेंद्र लखावत कृत  सदगुण रो साखी सबल,राखी रीत तमाम। वद वद भाखी विद्वता,सोढा तूं संग्राम।।1।। संग्रामो सचियाय नै,ध्याय धुकावै धूण। पाय रह्यो परमार्थ इम,दाय…

कवि काग वंदना- रचना – कवि श्री जोगीदान चडीया

कवि काग वंदना रचना: जोगीदान चडीया कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला काग ने, धऩ्य मां धाना ने धन्य भाया बड भाग्य रे… कुळ वंत कोडीला…. कोटी कोटी वंदन छे दुल्ला…

कहो वीर चारणो केवा – कवि श्री जोगीदान चडीया

कहो वीर चारणो केवा रचना: जोगीदान चडीया ढाळ: सुना समदर नी पाळे दोहो कलमु किरपांणुं ग्रही, पकड्यो चारण पंथ जोधो अणनम जोगडा, कंकणवाळी नो कंथ गीत कहो वीर चारणो केवा…

करनी सुजश

छंद मोतीदाम करनी सुजश नमो तुझ्झ मैह सुता करनल्ल। सदा कर रैणव काज सफल्ल। प्रसू तव दैवल आढीय पाय। महि पर धन्य भई महमाय। सही किनियां कुल ग्राम सुआप। अहो…

चारण – कन्या / झवेरचन्द मेघाणी

ચારણ-કન્યા//ઝવેરચંદ મેઘાણી સાવજ ગરજે !વનરાવનનો રાજા ગરજે ગીરકાંઠાનો કેસરી ગરજેઐરાવતકુળનો અરિ ગરજેકડ્યપાતળિયો જોધ્ધો ગરજેમોં ફાડી માતેલો ગરજેજાણે કો જોગંદર ગરજેનાનો એવો સમદર ગરજે !ક્યાં ક્યાં ગરજે?બાવળના જાળામાં ગરજેડુંગરના ગાળામાં ગરજેકણબીના…

वीर देवपाल़ देवल रो गीत सोहणो

5 मई 1948 नै जनम्या देवपालसिंह देवल, बासणी दधवाड़ियान (जिला पाली, राज.) रा भवानीदानजी देवल अर श्रीमती प्रकाशकंवर ऊजल़ (ऊजल़ां जिला जैसलमेर, राज. ) रा मोभी हा। देवकरणजी बारठ लिखै–…

कीरत कज कुरबान किया – गिरधरदान रतनू दासोड़ी

आदू कुल़ रीत रही आ अनुपम, भू जिणरी भल साख भरै। महि मेवाड़ मरट रा मंडण, सौदा भूषण जात सिरै।।1 दिल सूं हार द्वारका दिसिया, वाट हमीरै राण वरी। माता…

अमर क्रांतिवीर केशरीसिंह बाहरठ पर सौरठा – छैलू चारण “छैल” नाथूसर

अमर क्रांतिवीर केशरी सिंह बाहरठ पर सौरठा आतंकी अंग्रेज, मुलक लूटता मोकळो। सोता शूळी सैज, इण भारत रा आदमी।।1।। (अर्थ- अंग्रेज देश में लूट का आतंक मचाकर भारत को हर…

क्रांतिवीर केशरीसिंह बारहठ – डॉ. गजादान चारण ‘शक्तिसुत’

(केसरीसिंह बारठ के पास विजयसिंह पथिक ने आकर क्रांति के लिए एक वीर युवा देने का आग्रह किया, बारठजी की हवेली में विजयसिंह पथिक तथा केसरीसिंह बारठ के बीच हो…